सोना गिरवी रखकर कर्ज देने वाली मुथूट  फिनकॉर्प ने एक बड़ा दांव लगाया है। दरअसल, इस कंपनी ने हैदराबाद की स्टार्टअप पेमैट्रिक्स में मौजूदा निवेशकों से 54 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है।  मुथूट फिनकॉर्प ने डिजिटल भुगतान पर जोर देने के साथ यह हिस्सेदारी खरीदी है।

हालांकि, कंपनी ने गोपनीयता का हवाला देते हुए सौदे की राशि का खुलासा नहीं किया। समूह के चेयरमैन थॉमस जॉन मुथूट ने कहा, ‘‘हमारे पास अब पेमैट्रिक्स में बहुलांश हिस्सेदारी है। हमने मौजूदा निवेशकों से 54 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की है।’’ उन्होंने आगे बताया कि पेमैट्रिक्स में यह निवेश हमें अपने उत्पाद की पेशकश का विस्तार करने और नए बाजारों तथा नए ग्राहकों तक पहुंच को बढ़ाने में मददगार होगा। इससे हमें मौजूदा कर्ज कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

मुथूट के बारे में: मुथूट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक ये एक पारंपरिक रूढ़िवादी ईसाई परिवार की एक शाखा है, जो केरल के कोझेनचेरी में स्थित है। साल 1887 में, मुथूट निनन मथाई (समूह के संरक्षक संस्थापक) ने कोझेनचेरी में अनाज के खुदरा और थोक व्यापारी के रूप में इसकी शुरुआत की।

मुथूट निनन मथाई ने कोझेनचेरी में एक ही कार्यालय से काम करते हुए 1950 के दशक में गोल्ड लोन व्यवसाय में एंट्री ली। वह जल्द ही चिट्स एंड गोल्ड लोन्स में सबसे बड़े प्लेयर बन गए।

मुथूट निनन मथाई के चार बेटे-निनन मैथ्यू, एम. जॉर्ज, एम. मैथ्यू और मैथ्यू एम. थॉमस (मुथूट पप्पचन) बचपन से ही व्यवसाय में शामिल थे और बाद में पारिवारिक व्यवसाय को संभाला। ​बंटवारे के बाद मुथूट पप्पचन ने मुथूट पप्पचन समूह की स्थापना की। इसी समूह के अधीन मुथूट फिनकॉर्प आती है। इस कंपनी के गोल्ड लोन कम ब्याज दर पर मुहैया कराए जाते हैं। कंपनी का दावा है कि बेहद कम डॉक्युमेंट में सस्ती दर पर लोन लिया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए सोने को गिरवी रखना होगा।