जिनसे मिलने के लिए लाइन में खड़े रहते हैं दुनियाभर के रईस, वो PM मोदी खुद कितने हैं अमीर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया है. उन्होंने बताया है कि उनके पास कुल कितनी संपत्ति है.

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Wednesday, 15 May, 2024
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने वाराणसी लोकसभा सीट (Varanasi Lok Sabha Seat) से नामांकन दाखिल कर दिया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कैबिनेट के साथियों की मौजूदगी में PM मोदी ने मंगलवार को अपना नॉमिनेशन फाइल किया. सभी प्रत्याशियों को नामांकन के साथ एक हलफनामा भी देना होता है, जिसमें उनकी संपत्ति का ब्यौरा होता है. PM मोदी ने भी चुनाव आयोग को बताया है कि उनके पास कुल कितनी दौलत है. चलिए आपको बताते हैं कि देश चलाने वाले मोदी कितने अमीर हैं.

SBI में हैं दो अकाउंट    
प्रधानमंत्री मोदी के पास 3.02 करोड़ रुपए की कुल संपत्ति है. हालांकि, उनके पास न तो अपना कोई घर है और न ही गाड़ी. कैश के तौर पर मोदी के पास 52,920 रुपए हैं. जबकि बैंक में उनके करीब 2.85 करोड़ रुपए ज्यादा जमा हैं. PM मोदी के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में दो खाते हैं. एक गुजरात के गांधीनगर में और वाराणसी की शिवाजी नगर शाखा में. गुजरात वाले खाते में 73 हजार 304 और वाराणसी वाले अकाउंट में सात हजार रुपए हैं. मोदी ने गोल्ड में 2.67 रुपए निवेश किया हुआ है. उनके पास सोने की 4 अंगूठियां हैं. 

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PM के ऊपर कोई कर्ज नहीं  
वाराणसी से चुनावी मैदान में उतरा मोदी ने नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में 9.12 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है. एनएससी में उनका निवेश 2019 में 7.61 लाख रुपए था, जिसमें लगभग 2 लाख रुपए का इजाफा हुआ है. मोदी के ऊपर कोई देनदारी नहीं है. उन्होंने कोई लोन नहीं लिया है. उन्होंने अपनी आय के स्रोतों के रूप में सरकार से मिलने वाला वेतन और बैंक से मिलने वाला ब्याज का हवाला दिया है. प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि उनके पास गुजरात विश्वविद्यालय से MA की डिग्री है. वहीं, उन्होंने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है.  

इनसे है मोदी का मुकाबला
लोकसभा चुनाव के लिए इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट को ही चुना है. वह पहली बार 2014 में वाराणसी से ही सांसद चुने गए थे और फिर देश के प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाली. इसके बाद 2019 में भी मोदी इसी सीट से चुनावी मैदान में उतरे और प्रचंड जीत हासिल की. अब 2024 के चुनावी रण में भी उन्होंने वाराणसी को ही चुना है. कांग्रेस के अजय राय और बहुजन समाज पार्टी के अतहर जमाल लारी भी वाराणसी से किस्मत अजमाने के लिए नामांकन दाखिल कर चुके हैं. वाराणसी में 1 जून को वोट डाले जाएंगे. 


100 प्रभावशाली कंपनियों की लिस्ट में भारत की ये तीन कंपनियां शामिल, Reliance को दूसरी बार मिली जगह

रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा ग्रुप के अलावा वैक्सीन का निर्माण करने वाली हैदराबाद स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को दुनिया की 100 प्रभावशाली कंपनियों में शामिल किया गया है.

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Friday, 31 May, 2024
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दुनिया की फेमस मैगजीन टाइम (Time Magazine) ने साल 2024 के लिए दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली कंपनियों की लिस्ट जारी कर दी है. इसमें लिस्ट में भारत की 3 कंपनियां शामिल हैं, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज ()Reliance Industries) और टाटा ग्रुप (Tata Group) का नाम भी शामिल है. इससे पहले 2021 में रिलायंस ग्रुप की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स (Jio) ने पहली बार टाइम 100 सबसे प्रभावशाली कंपनियों की लिस्ट में जगह बनाई थी. रिलायंस इंडस्ट्रीज इस लिस्ट में दो बार शामिल होने वाली भारत की एकमात्र कंपनी है.

रिलायंस ने 2 बार बनाई जगह

टाइम ने रिलांयस इंडस्ट्रीज की तारीफ करते हुए कहा कि रिलायंस 'भारत का महानायक' है. मैगजीन ने कंपनी के शुरुआती दिनों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 58 साल पहले धीरूभाई अंबानी ने एक कपड़ा और पॉलिएस्टर बिजनेस के रूप में रिलायंस की नींव रखी थी और आज यह 200 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक के मार्केट कैपिटल के साथ भारत की सबसे वैल्यूएबल कंपनी है. टाइम ने कहा है कि इस ग्रुप ने भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर' भारत के साथ जुड़ते हुए अपना विकास किया है.

टाटा और सीरम का भी नाम शामिल

रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा ग्रुप के अलावा वैक्सीन का निर्माण करने वाली हैदराबाद स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India)  को भी दुनिया की 100 प्रभावशाली कंपनियों में शामिल किया गया है. टाइम ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया 'पायनियर्स' कैटेगरी में रखा है. इसके अलावा टाइम ने टाटा ग्रुप और मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस को टाइटन कैटेगरी में लिस्ट किया है.

टाटा ने किया शानदार प्रदर्शन

टाइम ने कहा कि साल 2023 में टाटा ग्रुप iPhones को असेंबल करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई और एक और प्लांट बना रही है. सितंबर में टाटा ने भारत में AI क्लाउड डेवलअप करने के लिए Nvidia के साथ साझेदारी का ऐलान किया. इसके अलावा इस साल इसने देश की पहली प्रमुख सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग सुविधा का ऐलान किया.

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मोदी की जीत से जुड़ा है इन सेक्टर्स का भविष्य, आप भी बन सकते हैं मालामाल

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान एक जून यानी कल होगा और चुनाव के नतीजे 4 जून को सामने आएंगे.

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Friday, 31 May, 2024
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लोकसभा चुनाव के नतीजे (Election Results) 4 जून को आने वाले हैं. इससे पहले शेयर बाजार (Stock Market) एक और बड़ा गोता लगा सकता है. दरअसल, निवेशकों का पूरा फोकस इस समय मुनाफावसूली पर है. वह नए निवेश का जोखिम नहीं लेना चाहते. तमाम एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि मोदी सरकार की वापसी होती है, तो विदेशी और घरेलू दोनों निवेशक खुलकर दांव लगाएंगे. ऐसे में मार्केट रॉकेट की रफ़्तार से भाग सकता है. खासतौर पर मोदी सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में जिन सेक्टर्स पर विशेष ध्यान दिया है, उनसे जुड़े शेयरों में भी उछाल आना तय है. 

बेहतर प्रदर्शन की आस 
भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र पर नजर डालने पर समझ आता है कि सत्ता में वापसी पर मोदी सरकार मेक इन इंडिया, परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम और सस्टेनेबल सिटीज के मुद्दे पर बड़ा काम करेगी. रेलवे, ग्रीन हाइड्रोजन, सोलर न्यूक्लियर, विंड एनर्जी, एविएशन, डिफेंस और सेमीकंडक्टर जैसे सेक्टर पर भी मोदी सरकार का जोर रहेगा. इसका मतलब है कि इन से जुड़ी कंपनियां स्टॉक मार्केट में बेहतर परफॉर्म कर सकती हैं. मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि ऊर्जा क्षेत्र में आप खासतौर पर सोलर और विंड एनर्जी कंपनियों के शेयरों पर दांव लगा सकते हैं. इसके साथ ही पीएसयू कंपनियों के शेयर भी अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं.

इंफ्रा-कैपेक्स रहेगा जोर
मोदी सरकार ने अब तक इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी ध्यान दिया है. यदि सरकार तीसरी बार सत्ता में आती है, तो इंफ्रा और कैपेक्स पर उसका खर्च जारी रहने की उम्मीद है. सरकार बुलेट ट्रेन, ज्यादा से ज्यादा शहरों को जोड़ने के लिए हाईवे और वाटरवेज प्रोजेक्ट को लेकर कुछ घोषणाएं कर सकती है. इसका मतलब है कि इंफ्रास्ट्रक्चर कारोबार की दिग्गज कंपनियों के शेयरों पर दांव खेला जा सकता है. टूरिज्म भी मोदी सरकार की प्राथमिकता में रहा है. अनुमान है कि अगले पांच साल में भारत के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़ी कंपनियां मुनाफे में शानदार वृद्धि दर्ज कर सकती हैं. ऐसे में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियों के शेयर भी अच्छी कमाई करा सकते हैं.

यहां भी लगा सकते हैं दांव
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश का रियल एस्टेट सेक्टर अब ट्रैक पर लौट आया है. कोरोना संकट के बाद सरकारी नीतियों की वजह से इसमें अच्छी बढ़त दिखाई दे रही है और आने वाले दिनों में भी इसके बने रहने की उम्मीद है. इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी मोदी सरकार के फोकस में है. इस कारोबार के 34% की सालाना दर से बढ़ने की उम्मीद है. अगले 5 साल में यह मौजूदा 25 अरब डॉलर से बढ़कर 110 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है. इसका मतलब है कि इन सेक्टर्स की प्रमुख कंपनियों के शेयरों में निवेश अच्छा रिटर्न दे सकता है. 


शेयर मार्केट में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल से होगी जबरदस्त कमाई, NSE ने लॉन्च किया नया इंडेक्स

NSE ईवी और नए जमाने के ऑटोमोटिव इंडेक्स के लॉन्च से ऐसे प्रोडक्ट्स के निर्माण में मदद मिलेगी, जो एसेट मैनेजर्स के लिए EV और नए जमाने के ऑटोमोटिव बाजार में निवेश करने का अवसर पैदा करेंगे.

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Friday, 31 May, 2024
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की सहायक कंपनी NSE इंडेक्स लिमिटेड ने ईवी और नए जमाने के ऑटोमोटिव इंडेक्स को लॉन्च किया है. इसके जरिए EV इकोसिस्टम का हिस्सा बनने वाली कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करना है. यह देश का पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) इंडेक्स होगा. NSE इंडेक्स ने एक बयान में कहा कि निफ्टी ईवी और नए जमाने के ऑटोमोटिव इंडेक्स के लॉन्च से ऐसे प्रोडक्ट्स के निर्माण में मदद मिलेगी, जो एसेट मैनेजर्स के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल और नए जमाने के ऑटोमोटिव बाजार में निवेश करने का अवसर पैदा करेंगे, जिससे निवेशकों को निवेश का एक साधन मिलेगा.

देश का पहला EV इंडेक्स

NSE EV, देश का पहला ऐसा शेयर इंडेक्स होगा जो इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर की हर तरह की कंपनी के शेयर की परफॉर्मेंस पर नजर रखेगा. इसमें ना सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियां, बल्कि EV से जुड़ी टेक्नोलॉजी बनाने वाली कंपनियों के शेयर्स को भी शामिल किया जाएगा. भारत में टाटा ग्रुप की टाटा मोटर्स और टाटा एलेक्सी जैसी कंपनियां इस सेगमेंट में काम करती हैं. वहीं महिंद्रा ग्रुप भी EV सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है. सरकार हमेशा EV अपनाने से संबंधित नीतियों को तैयार करने में सबसे आगे रही है, ताकि नवीनतम तकनीक वाले EV का निर्माण देश में किया जा सके और वैश्विक EV निर्माताओं की ओर से निवेश आकर्षित किया जा सके. 

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पैसा कमाने में ऐसे मिलेगी मदद

इस इंडेक्स की मदद से म्यूचुअल फंड कंपनियों और एसेट मैनेजर्स को एक बेंचमार्क हासिल होगा. वह इसे एक रिफ्रेंस इंडेक्स की तरह इस्तेमाल कर सकेंगे. इस इंडेक्स के आधार पर वह इंडेक्स फंड या ईटीएफ जैसे प्रोडक्ट लॉन्च कर सकेंगे, जिसमें लोग पैसे लगाकर इस फ्यूचर इंडस्ट्री के हिसाब से पैसे कमा सकेंगे. NSE ने इस इंडेक्स के लिए बेस डेट 2 अप्रैल 2018 और बेस वैल्यू 1000 पॉइंट रखी है. इस इंडेक्स में शामिल कंपनियों को साल में दो बार स्ट्रक्चर किया जाएगा, यानी उन्हें इसमें शामिल करने या हटाने का फैसला साल में दो बार किया जाएगा. वहीं हर तिमाही में इसे रीबैलेंस किया जाएगा.

NSE में पहले से ही 17 इंडेक्स

वर्तमान में NSE पर 17 इंडेक्स हैं. निफ्टी कमोडिटीज, निफ्टी इंडिया कंजम्पशन, निफ्टी सीपीएसई, निफ्टी एनर्जी और निफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर विषयगत सूचकांकों के अलावा, एनएसई ब्रॉड मार्केट इंडेक्स (जैसे निफ्टी, निफ्टी नेक्स्ट 50, निफ्टी 100, निफ्टी 100 आदि) और निफ्टी बैंक, निफ्टी सहित 15 सेक्टर इंडेक्स संचालित करता है. आईटी और निफ्टी ऑटो यह रणनीति इंडेक्स और निश्चित आय इंडेक्स भी संचालित करते हैं. 
 


अडानी की जिस कंपनी पर निवेशक लगा रहे जमकर दांव, उसका गौतम के पास महज 1 शेयर

अडानी एंटरप्राइजेज की वित्‍त वर्ष 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में कई जानकारी सामने आई हैं.

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Friday, 31 May, 2024
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गौतम अडानी (Gautam Adani) अलग-अलग सेक्टर्स में धमाल मचा रहे अडानी समूह के मालिक हैं. ऐसे में यह मानना लाजमी है कि उनके पास अपनी कंपनियों के सबसे ज्यादा शेयर होंगे. सबसे ज्यादा नहीं, तो इतने शेयर तो होंगे ही कि एक अच्छा फिगर बन सके. लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि अडानी के पास अपने समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का केवल एक शेयर है. दरअसल, कंपनी ने वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की. इसमें एग्‍जीक्‍यूटिव की सैलरी और शेयरहोल्डिंग जैसी जानकारी दी गई है. इसी से यह पता चला है कि गौतम अडानी के पास अडानी एंटरप्राइजेज के कितने शेयर हैं.

ट्रस्ट के पास है बाकी शेयर
वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी समूह के अरबपति फाउंडर गौतम अडानी के पास अडानी एंटरप्राइजेज का केवल 1 शेयर है. 31 मार्च 2024 तक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, गौतम अडानी और उनके भाई राजेश अडानी दोनों के पास कंपनी के सिर्फ 1-1 शेयर हैं. हालांकि, इसका मतलब ये नहीं है कि अडानी के पास इस कंपनी की बागडोर नहीं है. दरअसल, बाकी शेयर SB अडानी फैमिली ट्रस्ट के पास हैं. अडानी परिवार के पास सामूहिक रूप से कंपनी के 57,33,33,492 इक्विटी शेयर हैं. इस तरह इस ट्रस्ट के पास कंपनी में 50.29% की हिस्सेदारी है.

किसमें, कितनी हिस्सेदारी? 
इसके अलावा, अडानी फैमिली ट्रस्ट के पास Adani Energy Solutions में 53.93%, Adani Green Energy में 20.76%, Adani Ports में 32.90%, Adani Power में 36.86% और Adani Total Gas में 37.38% हिस्सेदारी है. रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए गौतम अडानी की कुल सैलरी का की भी जानकारी दी गई है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए उनका कुल वेतन 2.46 करोड़ रुपए था. इसमें 2.19 करोड़ मूल सैलरी और 0.27 करोड़ के भत्ते एवं अन्य लाभ शामिल थे. जबकि उनके भाई राजेश अडानी ने वित्त वर्ष में कुल 8.37 करोड़ रुपए कमाए.

कल आई थी गिरावट
वहीं, अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर की बात करें, तो कल यह 1.50% की गिरावट के साथ बंद हुआ. कंपनी का शेयर 48.90 रुपए टूटकर 3,209.90 रुपए पर आ गया. बीते 5 कारोबारी सत्रों में इसमें 5.82% की गिरावट आई है. हालांकि, इस साल अब तक इसने 10.03% का रिटर्न भी दिया है. इस शेयर का 52 वीक का हाई लेवल 3,457.85 रुपए है. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी, लेकिन अब वो उसके प्रभाव से पूरी तरह बाहर निकल आया है.


24 घंटे में ही Bezos के सिर से छिन गए नंबर 1 रईस का ताज, अब कौन है सबसे अमीर? 

दुनिया के अमीरों की लिस्ट में बीते 24 घंटों में उथल-पुथल देखने को मिली है. बेजोस अब पहले नंबर पर नहीं हैं.

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Friday, 31 May, 2024
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दुनिया के अरबपतियों के लिए पिछले 24 घंटे खट्टे-मीठे रहे. किसी की दौलत का पहाड़ इस दौरान दरका, तो किसी ने उसे और ऊंचा बना दिया. जाहिर है ऐसे में अरबपतियों की लिस्ट में भी बदलाव हुआ होगा. चलिए आपको बताते हैं कि 'कौन है दुनिया का सबसे अमीर शख्स'?, इस सवाल का जवाब क्या है. कल तक Amazon के फाउंडर जेफ बेजोस दुनिया के अमीरों की लिस्ट में पहले स्थान पर थे, लेकिन अब वो अपनी कुर्सी गंवा चुके हैं. 30 मई को ही बेजोस ने यह रुतबा हासिल किया था और चंद घंटों में ही उनके सिर से ताज उतर गया. 

अर्नाल्ट ने एक झटके में कमाए इतने 
जेफ बेजोस नंबर वन से लुढ़ककर सीधे तीसरी पोजीशन पर आ गए हैं. ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक, बर्नार्ड अर्नाल्ट फिर से रईस नंबर 1 बन गए हैं. दरअसल फ़्रांसिसी कारोबारी बर्नार्ड अर्नाल्ट की कंपनी के शेयरों में आई तेजी की वजह से उनकी संपत्ति एक ही दिन में 3.16 अरब डॉलर बढ़ गई. जबकि, अमेजन के शेयरों में आई गिरावट से उसके फाउंडर बेजोस की दौलत का पहाड़ कुछ दरक गया. गुरुवार को उन्होंने 2.66 अरब डॉलर का नुकसान उठाया और वह लिस्ट में तीसरे नंबर पर पहुंच गए. बर्नार्ड अर्नाल्ट ने इस साल अब तक 1.21 अरब डॉलर गंवाए हैं जबकि बेजोस ने अपनी दौलत में 25.2 अरब डॉलर जोड़े हैं.

मस्क को मिल सकता है ये मुकाम
टेस्ला के मालिक एलन मस्क नंबर 1 की कुर्सी की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं. मस्क बर्नार्ड अर्नाल्ट से केवल 2 अरब डॉलर पीछे हैं. टेस्ला के शेयरों में उछाल के कारण मस्क की संपत्ति में गुरुवार को 1.86 अरब डॉलर का इजाफा हुआ. उनके पास कुल 204 अरब डॉलर की दौलत है. इस लिस्ट में दूसरा सबसे बड़ा बदलाव NVIDIA के प्रेसिडेंट जेनसेन हुआंग को लेकर हुआ है. हुआंग 100 अरब डॉलर क्लब से बाहर होकर 16वें स्थान पर पहुंच गए हैं. हुआंग की संपत्ति में गुरुवार को 3.75 अरब डॉलर की कमी आई. उनकी नेटवर्थ 97.1 अरब डॉलर रह गई है. हुआंग की एक दिन पहले ही 100 अरब डॉलर क्लब में एंट्री हुई थी.

अंबानी-अडानी को भी नुकसान
वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को भी गुरुवार को नुकसान उठाना पड़ा. उनकी दौलत के पहाड़ से 1.10 अरब डॉलर कम हो गए. इस साल अब तक उन्होंने 12.7 अरब डॉलर की कमाई भी की है. अडानी समूह के चेयरमैन के लिए भी कल का दिन अच्छा नहीं रहा. इस दौरान, उनकी दौलत 409 मिलियन डॉलर गिरकर 106 अरब डॉलर रह गई. वैसे इस साल अब तक उन्होंने 21.3 अरब डॉलर की कमाई भी की है. अडानी और अंबानी की दौलत में अब 3 अरब डॉलर का फासला बचा है. यदि अडानी इस दूरी को पाट लेते हैं, तो फिर से एशिया के सबसे रईस का रुतबा हासिल कर लेंगे.


आज इन शेयरों पर खेल जाएं दांव, जेब भरी होगी तो खुशी-खुशी बीतेगा वीकेंड!

शेयर बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है और आज कुछ शेयरों में तेजी के संकेत मिले हैं.

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Friday, 31 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) गुरुवार को भी लाल निशान पर बंद हुआ. यह लगातार पांचवां कारोबारी सत्र था जब बाजार में गिरावट देखने को मिली. लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले मुनाफावसूली के चलते बाजार में नरमी आई. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 617.30 अंक गिरकर 73,885.60 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 216.05 अंक टूटकर 22,488.65 पर बंद हुआ. बीते 5 सत्रों में सेंसेक्स 1,532 अंक नीचे आया है. जबकि निफ्टी 479 अंक टूटा है. सेंसेक्स में कल आई गिरावट में टाटा समूह की टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाइटन के साथ-साथ टेक महिंद्रा, विप्रो, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, नेस्ले इंडिया जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयर भी नुकसान भी रहे. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.

MACD के ये हैं संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज DOMS Industries, Exide Industries, Zydus Wellness,  Torrent Pharma और Vijaya Diagnostic Centre पर तेजी का रुख दिखाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों में तेजी आ सकती है. ऐसे में यदि आप इन पर दांव लगाते हैं, तो मुनाफा भी कमा सकते हैं. हालांकि, स्टॉक मार्केट जोखिम के अधीन है और BW हिंदी आपको सलाह देता है कि यहां निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श ज़रूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसी तरह, MACD ने ABB India, Timken India, Cummins India, Alkem India, Kirloskar Oil Engines और Siemens में मंदी के संकेत दिए हैं.

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इनमें दिखी मजबूत खरीदारी
अब उन शेयरों के बारे में जानते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में KNR Constructions, Emami, Samvardhana Motherson International, Saregama India, Coromandel International, GSK Pharma और Jupiter Wagons का नाम शामिल है. KNR Constructions के शेयर कल के गिरावट वाले बाजार में भी शानदार 8.20% की उछाल दर्ज करने में सफल रहे. 302.90 रुपए के भाव पर मिल रहा ये शेयर इस साल अब तक अपने निवेशकों को करीब 18% का रिटर्न दे चुका है. वहीं, कुछ शेयर ऐसे भी हैं, जो बिकवाली के दबाव का सामना कर रहे हैं. इस लिस्ट में Berger Paints, KRBL, Route Mobile, Anupam Rasayan और GRSE और शामिल हैं.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


ISB ने जारी की ग्लोबल रिपोर्ट, जानिए कैसे फैमिली बिजनेस ट्रेडिशन और इनोवेशन को करते हैं संतुलित

भारतीय स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) के थॉमस श्मिडहाइनी सेंटर फॉर फैमिली एंटरप्राइज, जो लंबे समय से STEP प्रोजेक्ट ग्लोबल कंसोर्टियम का सदस्य है उसने एक नई रिपोर्ट जारी की है.

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Thursday, 30 May, 2024
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भारतीय स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) के थॉमस श्मिडहाइनी सेंटर फॉर फैमिली एंटरप्राइज, जो लंबे समय से STEP प्रोजेक्ट ग्लोबल कंसोर्टियम का सदस्य है उसने एक नई रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट बताती है कि विरासत का फैमिली बिजनेस की सफलता पर क्या प्रभाव पड़ता है. इसमें बताया गया है कि कुछ सफल व्यावसायिक परिवार भविष्य-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हैं, जो पीढ़ियों को एक साथ बांधता है. ये परिवार परंपरा का पालन करते हुए इनोवेशन को भी अपनाते हैं, जिससे एक गतिशील विरासत बनती है.

STEP ग्लोबल सम्मेलन में किया गया जारी

रिपोर्ट का शीर्षक है ‘Unlocking Legacy: The Path to Superior Growth in Family Businesses’ है. यह KPMG प्राइवेट एंटरप्राइज और STEP प्रोजेक्ट ग्लोबल कंसोर्टियम के बीच एक सहयोग है. इसे हाल ही में अमाल्फी कोस्ट, इटली में हुए STEP ग्लोबल सम्मेलन में जारी किया गया था. इस अवसर पर ISB के थॉमस श्मिडहाइनी सेंटर फॉर फैमिली एंटरप्राइज के कार्यकारी निदेशक प्रो. सौगाता रे और अन्य योगदान देने वाले STEP सहयोगियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

2683 बिजनेस लीडर ने दिए हैं विचार

यह रिपोर्ट 80 देशों और क्षेत्रों के 2,683 फैमिली बिजनेस लीडर नेताओं के विचार प्रस्तुत करती है, जिसमें भारत भी शामिल है. यह रिपोर्ट बताती है कि फैमिलि बिजनेस की विरासत और उसकी लॉन्ग टर्म सक्सेस के बीच एक मजबूत संबंध है. जिन बिजनेस की मजबूत विरासत होती है, वे बेहतर प्रदर्शन करते हैं और पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) सिद्धांतों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता दिखाते हैं. इसके अलावा, कई बिजनेस फैमिली 'विरासत विरोधाभास' को सफलतापूर्वक संभाल रहे हैं.

भारत में फैमिली बिजनेस महत्वपूर्ण

भारतीय फैमिली बिजनेस 78% पर विरासत के महत्व में स्कोर करते हैं, जो वैश्विक औसत के बराबर है. यह दिखाता है कि भारतीय परिवारिक व्यवसाय अपने सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में महत्व रखते हैं. पुश्तैनी एंटरप्रेन्योरशिप के मामले में भारतीय व्यवसाय 76% पर स्कोर करते हैं, जो यूरोप और एशिया-प्रशांत औसत 77% से थोड़ा कम है. इसका मतलब है कि पीढ़ी दर पीढ़ी एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. पर्यावरणीय स्थिरता के मामले में भारतीय फैमिली बिजनेस वैश्विक औसत 78% के साथ मेल खाते हैं, जो एक मजबूत आधार का संकेत है. लेकिन, आगे की जांच से पता चलता है कि पर्यावरणीय प्रथाओं में सुधार की गुंजाइश है, खासकर जहां यूरोपीय कंपनियां आगे हैं.

वैश्विक रिपोर्ट से मुख्य निष्कर्ष

विरासत के रूप में सफलता: 45% फैमिली बिजनेस जो मजबूत विरासत रखते हैं, वे अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में उच्च व्यावसायिक प्रदर्शन की रिपोर्ट करते हैं.
स्थिरता और विरासत: सर्वेक्षण में शामिल 53% फैमिली बिजनेस जो मजबूत विरासत रखते हैं, वे सामुदायिक, पर्यावरणीय, कर्मचारी, और आपूर्तिकर्ता पहलुओं में उच्च स्थिरता प्रदर्शन दिखाते हैं.
विरासत मैट्रिक्स: रिपोर्ट एक ढांचा प्रस्तुत करती है जो विरासत की ताकत और पीढ़ी दर पीढ़ी एंटरप्रेन्योरशिप के बीच के संबंध पर आधारित चार विशिष्ट विरासत प्रकारों की पहचान करती है: स्थिर, संरक्षित, विकसित हो रही, और गतिशील.
गतिशील विरासत का रास्ता: रिपोर्ट फैमिली बिजनेस को 'गतिशील विरासत' की ओर ट्रांजिशन के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करती है, जो उच्च प्रदर्शन और भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण से परिभाषित होती है.

फैमिली बिजनेस के स्पोर्ट में है रिपोर्ट

ISB के एकेडमिक डायरेक्टर और थॉमस श्मिधेनी सेंटर फॉर फैमिली एंटरप्राइज, डॉ. नूपुर पवन बांग ने जोर देकर कहा कि यह रिपोर्ट विरासत को एक रणनीतिक संपत्ति के रूप में महत्व देती है, जो फैमिली बिजनेस के लिए प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करती है. अपनी विरासत के प्रकार को समझकर और इसे सक्रिय रूप से आकार देकर, परिवारिक व्यवसाय महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना को अनलॉक कर सकते हैं, दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं और समाज में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं. 

वृद्धि के मार्ग खोलती है फैमिली बिजनेस

प्रोफेसर सोगता रे ने कहा कि यह रिपोर्ट तेजी से बदलते व्यावसायिक परिदृश्य में भारतीय फैमिली बिजनेस के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक है. उन्होंने आगे कहा कि जबकि भारतीय फैमिली बिजनेस वैश्विक औसत के बराबर विरासत के प्रति प्रशंसनीय प्रतिबद्धता दिखाते हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी एंटरप्रेन्योरशिप और कर्मचारी-केंद्रित स्थिरता प्रथाओं को और बढ़ाने की संभावना है. वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखकर और उन्हें भारतीय संदर्भ में अपनाकर भारतीय परिवारिक व्यवसाय वृद्धि और प्रभाव के नए मार्ग खोल सकते हैं.

विरासत एक सतत प्रक्रिया

रिपोर्ट में आंकड़े दिखाते हैं कि विरासत एक सतत प्रक्रिया है जो विभिन्न कारकों द्वारा आकार लेती है, जिसमें पीढ़ी दर पीढ़ी एंटरप्रेन्योरशिप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे खुली बातचीत और पीढ़ियों के बीच पुल बनने में मदद मिलती है. यह रिपोर्ट भविष्य की ओर देखने वाले दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है जो परंपरा और इनोवेशन को मिलाती है और आज के गतिशील परिदृश्य में लचीलापन, प्रतिस्पर्धात्मकता और प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए बदलाव को अपनाने की आवश्यकता पर जोर देती है.
 


स्टॉक मार्केट की माहिर खिलाड़ी हैं झुनझुनवाला की पत्नी, डिविडेंड से ही कमा डाले करोड़ों

रेखा झुनझुनवाला ने कई कंपनियों में निवेश किया है. उन्हें डिविडेंड के रूप में सबसे ज्यादा रकम टाइटन से मिली है.

Last Modified:
Thursday, 30 May, 2024
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दिग्गज निवेशक रहे राकेश झुनझुनवाला की पत्नी रेखा झुनझुनवाला (Rekha Jhunjhunwala) भी स्टॉक मार्केट में निवेश करती हैं. उन्होंने कई कंपनियों में पैसा लगाया है और अब उन्हें डिविडेंड के रूप में जो रकम मिली है वो सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. रेखा झुनझुनवाला का पोर्टफोलियो करीब 37831 करोड़ रुपए है. इससे उन्हें बतौर डिविडेंड 224 करोड़ रुपए मिले हैं. उन्हें सबसे ज्यादा डिविडेंड टाटा समूह की कंपनी टाइटन से मिला है. 

PSU बैंक से मिले इतने
एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2024 तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के हिसाब रेखा झुनझुनवाला को टाइटन से 52.23 करोड़ रुपए की डिविडेंड इनकम हुई है. उनके पोर्टफोलियो में Titan Company के 4.74 करोड़ शेयर हैं. इसी तरह, झुनझुनवाला को केनरा बैंक से 42.37 करोड़ की डिविडेंड इनकम हुई है. बता दें कि जब कोई कंपनी साल भर में कमाए गए अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयरहोल्डर्स में बांटती है, तो उसे ही डिविडेंड कहते हैं. हालांकि कई बार ऐसे भी होता है कि कंपनियां मुनाफे के बजाय सरप्लस कैश से भी शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड बांटती हैं.

इनसे भी भर गई झोली
रेखा झुनझुनवाला को वैलोर एस्टेट से डिविडेंड के रूप में 27.50 करोड़ रुपए, NCC से 17.24 करोड़ और टाटा मोटर्स से 12.84 करोड़ रुपए मिले हैं. इनके अलावा, क्रिसिल, एस्कॉर्ट्स कुबोटा, फोर्टिस हेल्थकेयर, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज और फेडरल बैंक सहित झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में शामिल दूसरे शेयरों से वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में उन्हें करीब 72.49 करोड़ रुपए की डिविडेंड इनकम मिली है. इस तरह, एक ही झटके में रेखा झुनझुनवाला  को करोड़ों की कमाई हो गई है. 

किसमें बढ़ाई है हिस्सेदारी?
झुनझुनवाला की टॉप 3 होल्डिंग्स की बात करें, तो उनकी टाइटन में 5.4% हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू 16215 करोड़ रुपए के आसपास है. टाटा मोटर्स में झुनझुनवाला की 1.3% हिस्सेदारी है और इसकी वैल्यू 4052 करोड़ है. इसी तरह, मेट्रो ब्रांड्स में उनके पास 3059 करोड़ रुपए की वैल्यू वाली 9.6% हिस्सेदारी है. मार्च तिमाही तक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, मिसेज झुनझुनवाला ने वैलोर एस्टेट में 1.66 प्रतिशत और एग्रो टेक फूड्स में 0.38 प्रतिशत हिस्सेदारी बढ़ाई है. इसके उलट उन्होंने जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज, NCC, फोर्टिस हेल्थकेयर, नजारा टेक्नोलॉजीज, केनरा बैंक और फेडरल बैंक में हिस्सेदारी कम की है.


अमीरों की सूची में बड़ा उलटफेर, जानिए कौन बना नंबर वन, अंबानी-अडानी को इतना नुकसान?

दुनिया के अमीरों की लिस्ट में बुधवार को भारी उलटफेर देखने को मिला है. लंबे समय से नंबर एक की कुर्सी पर काबिज फ्रांस के बर्नार्ड अरनॉल्ट अब दूसरे नंबर पर खिसक गए हैं.

Last Modified:
Thursday, 30 May, 2024
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दुनिया के अमीरों की लिस्ट में जबरदस्त उलटफेर देखने को मिला है. अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन (Amazon) के फाउंडर जेफ बेजोस (Jeff Bezos) फिर से दुनिया के सबसे बड़े रईस बन गए हैं. वह फ्रांस के बर्नार्ड अरनॉल्ट (Bernard Arnault) को पछाड़कर नंबर एक की कुर्सी पर पहुंचे हैं. ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक अरनॉल्ट की नेटवर्थ गिरकर 203 अरब डॉलर रह गई जबकि जेफ बेजोस 205 अरब डॉलर के साथ नंबर वन बन गए हैं. इस साल अरनॉल्ट की नेटवर्थ में 4.36 अरब डॉलर की गिरावट आई है जबकि बेजोस की नेटवर्थ 27.9 अरब डॉलर बढ़ी है.

अरबपतियों की संपत्ति में आई गिरावट

बुधवार को दुनिया के दस टॉप अरबपतियों की नेटवर्थ में गिरावट आई. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क 202 अरब डॉलर के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं. मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग (169 अरब डॉलर) के साथ चौथे, लैरी पेज (156 अरब डॉलर) पांचवें, बिल गेट्स (152 अरब डॉलर) छठे, स्टीव बालमर (148 अरब डॉलर) सातवें, सर्गेई ब्रिन (147 अरब डॉलर) आठवें, लैरी एलिसन (138 अरब डॉलर) और वॉरेन बफे (133 अरब डॉलर) दसवें नंबर पर हैं. इस लिस्ट में 11वें नंबर पर मौजूद माइकल डेल की नेटवर्थ में बुधवार को 4.19 अरब डॉलर की तेजी आई और यह 123 अरब डॉलर पहुंच गई.

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अंबानी और अडानी की नेटवर्थ भी गिरी

इस बीच भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी की नेटवर्थ में भी गिरावट आई है. Reliance Industries के चेयरमैन की नेटवर्थ में 1.53 अरब डॉलर की गिरावट आई. अंबानी 110 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 12वें नंबर पर हैं. अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी 106 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ इस लिस्ट में 13वें नंबर पर हैं. बुधवार को उनकी नेटवर्थ में 7.95 करोड़ डॉलर की गिरावट आई. इस बीच एनवीडिया के फाउंडर और सीईओ जेंसन हुआंग दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 15वें नंबर पर पहुंच गए हैं. उनकी नेटवर्थ में इस साल 56.8 अरब डॉलर की तेजी आई है और यह 101 अरब डॉलर पहुंच गई है.
 


क्या गर्मी के मौसम में आपको कूल रखने वालीं कंपनियों के Stocks में भी आई है गर्मी?

गर्मी के मौसम में खुद को ठंडा रखने के लिए लोग AC और कूलर जमकर खरीद रहे हैं. साथ ही कोल्ड ड्रिंक्स की डिमांड भी काफी बढ़ी है.

Last Modified:
Thursday, 30 May, 2024
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इस वक्त सूरज आग उगल रहा है. घर से बाहर निकलना किसी सजा से कम नहीं है. घर में भी राहत तभी है जब AC या कूलर चल रहे हों. इस बार गर्मी सभी रिकॉर्ड तोड़ने पर अमादा है. दिल्ली के एक इलाके में पारा 50 डिग्री का आंकड़ा पार कर गया है. मानसून ने भले ही केरल में दस्तक दे दी हो, लेकिन इसे देश के बाकी हिस्सों तक पहुंचने में अभी समय है. इसका मतलब साफ है कि सूरज का सितम अभी सहना पड़ेगा. वैसे, आप और हम को सताने वाले गर्मी कुछ कंपनियों के सुकून की वजह बनी हुई है. 

इन प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ी 
एयर कंडीशनर (AC), कूलर से लेकर आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली कंपनियों के लिए आसमान से बरसती आग कमाई का बेहतरीन अवसर है. ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक AC-कूलर की ज़बरदस्त बिक्री हो रही है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि Amazon पर पिछले साल के मुकाबले AC और कूलर की सेल दोगुनी हो गई है. वहीं, गर्मी में गले को तर रखने वाली कोल्ड ड्रिंक का कारोबार भी फुल स्पीड से भाग रहा है. इसी तरह, आइसक्रीम बनाने वाली कंपनियां भी चांदी काट रही हैं. 

AC की रिकॉर्डतोड़ बिक्री 
गर्मी के मौसम में भारी डिमांड के चलते AC के दाम भी बढ़ गए हैं, इसके बावजूद उसकी जमकर बिक्री हो रही है. चलिए यह जानने का प्रयास करते हैं कि क्या बिक्री के बढ़ते आंकड़े से स्टॉक मार्केट में लिस्टेड AC कंपनियों के शेयरों में भी पारे जितना उछाल आया है या नहीं. देश में कई देशी-विदेशी कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स बेचती हैं, लेकिन सभी लिस्टेड नहीं हैं. टाटा समूह की Voltas, Godrej, Blue Star, Johnson Controls-Hitachi Air Conditioning India और Whirlpool बाजार में सूचीबद्ध हैं. गर्मी ने पिछले एक महीने से ज्यादा कहर बरपाया है, इसलिए इन कंपनियों के बीते एक महीने के रिकॉर्ड पर नजर डालते हैं. 

शेयर बाजार में ऐसा है हाल
Godrej Industries के शेयर बीते एक महीने में 15.15% लुढ़क चुके हैं. आज यानी 30 मई को भी यह गिरावट के साथ 815.05 रुपए पर कारोबार कर रहे हैं. इस साल अब तक इसने 4.51% का रिटर्न दिया है, जो काफी कम है. AC के बाजार पर अच्छी पकड़ रखने वाले Voltas के लिए भी पिछला एक महीना अच्छा नहीं रहा है. इस दौरान, कंपनी के स्टॉक 8 प्रतिशत से ज्यादा लुढ़क चुके हैं. हालांकि, इस साल अब तक इसने 38.49% का रिटर्न भी दिया है. इसी तरह, ब्लू स्टार पिछले एक महीने में 1.48% नीचे आया है और इस साल अब तक इसने 57.01% का अच्छा रिटर्न दिया है. Hitachi के AC की बढ़ती बिक्री से उसके शेयर भी चढ़े हैं. Johnson Controls-Hitachi Air Conditioning India के स्टॉक ने पिछले एक महीने में 36.27% की छलांग लगाई है. 1,724.60 के भाव पर मिल रहे इस शेयर का 2024 में अब तक अक रिकॉर्ड भी अच्छा है. Whirlpool की बात करें, तो बीते एक महीने में यह शेयर 2.20% लुढ़का है.

कूल वाली फीलिंग नहीं मिली 
इसके अलावा, गर्मी के मौसम में Ice Cream, Soda, Soft Drinks और कुछ डेयरी उत्पादों की डिमांड में भी इजाफा हुआ है. हिंदुस्तान यूनिलीवर Kwality Wall's के नाम से आइसक्रीम बेचती है. Varun Beverages भारत में Pepsi के उत्पाद बेचती है. Hindustan Unilever के शेयर पिछले एक महीने में 5.63% चढ़े हैं. हालांकि, आज यह गिरावट के साथ 2,356 रुपए पर कारोबार कर रहे हैं. Varun Beverages के शेयर बीते 30 कारोबारी सत्रों में लाल निशान पर बंद हुए हैं, लेकिन आज उसमें हरियाली छाई है. 1,453.40 रुपए के भाव पर मिल रहा ये शेयर करीब 2 प्रतिशत की मजबूती हासिल आकर चुका है. Vadilal Industries की बात करें, तो प्रचंड गर्मी वाले कुछ दिन कंपनी के शेयरों में जोश नहीं ला पाए हैं. बीते एक महीने में यह स्टॉक 5.63% गिरा है और आज भी इसमें गिरावट है. कुल मिलाकर देखा जाए तो गर्मी में आपको कूल रखने वाली इन कंपनियों के निवेशकों को कूल वाली फीलिंग नहीं मिल पाई है.