Income Tax पोर्टल पर ये तगड़ा फीचर, अब 1 मिनट में जमा होगा टैक्स

Income Tax पोर्टल पर 'ई-प्रोसीडिंग' टैब के माध्यम से रजिस्टर्ड उपयोगकर्ता के लिए इनकम टैक्स फाइल की प्रक्रिया को आसान बनाने का काम किया है.

Last Modified:
Saturday, 11 May, 2024
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इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स का काम आसान करने के लिए एक नई सुविधा शुरू की है. दरअसल, विभाग ने इनकम टैक्स फाइल की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अपने ई फाइलिंग पोर्टल पर एक नया फीचर शुरू किया है. यह नया फीचर्स टैक्सपेयर्स को पेंडिंग टैक्स प्रोसीडिंग को ट्रैक करने में काफी मदद करेगा. पोर्टल पर उपलब्ध ई प्रोसेडिंग नाम का यह टैब टैक्पेयर्स को विभाग द्वारा जारी विभिन्न नोटिस, पत्रों और सूचनाओं को नेविगेट करने की अनुमति देगा. इससे टैक्सपेयर्स किसी भी सूचना के लिए बार-बार इनकम टैक्स विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. 

टैक्सपेयर्स के लिए ई-प्रौसीडिंग का लाभ
'ई-प्रोसीडिंग' टैब के माध्यम से रजिस्टर्ड यूजर्स निर्धारण अधिकारियों, केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) या किसी अन्य आयकर प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए विभिन्न नोटिस और संचार को देख और जवाब देने में सक्षम होंगे. इनमें धारा 139(9) के तहत दोषपूर्ण नोटिस, धारा 245 के तहत सूचनाएं, धारा 143(1)(ए) के तहत प्रथम दृष्टया समायोजन, और धारा 154 के तहत स्वत: संज्ञान सुधार(Suo Moto Rectification) शामिल हैं.

ऐसे करें लॉग इन
1. इस प्रक्रिया के लिए यूजर्स को सबसे पहले अपने क्रेडेंशियल के साथ ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करना होगा. 
2. इसके बाद डैशबोर्ड से, यूजर्स 'लंबित कार्रवाई' (Pending Actions) सेक्शन तक पहुंच सकते हैं और 'ई-प्रोसीडिंग' पर जाकर नेविगेट कर सकते हैं.

3. इसके बाद यूजर्स को ये विकल्प का चयन करना होगा है कि वह व्यक्तिगत (Individual) रूप से जवाब दे रहे हैं या किसी अधिकृत प्रतिनिधियों के रूप में जवाब दे रहे हैं. 

इन चीजों की पड़ेगी जरूरत
इस सेवा का उपयोग करने के लिए, उपयोगकर्ताओं को एक एक्टिव पैन कार्ड, एक वैध यूजर आईडी और ई-फाइलिंग पोर्टल के लिए पासवर्ड और आयकर विभाग से संबंधित नोटिस, सूचना या पत्र की आवश्यकता होती है. इसके अलावा टैक्सपेयर्स की ओर से कार्य करने के लिए अधिकृत प्रतिनिधियों को प्राधिकृत करने की आवश्यकता हो सकती है, और कुछ मामलों में एक सक्रिय TAN की आवश्यकता हो सकती है.


आने वाली है PM Kisan Yojana की 17वीं किस्त, फर्जी लाभार्थियों को रोकने के लिए सरकार ने उठाया ये कदम 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samamn Nidhi Yojana) की 17वीं किस्त जून या जुलाई तक किसानों के खाते में आ सकती है.

Last Modified:
Thursday, 23 May, 2024
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देशभर में करोड़ों की संख्या में किसान केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samamn Nidhi Yojana) का लाभ उठाते हैं, लेकिन कुछ किसान फर्जी रूप से इसका फायदा ले रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने फर्जी लाभार्थियों को रोकने के लिए ई-केवाईसी (E-KYC) और भू सत्यापन  वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में जिन किसानों का ई-केवाईसी और भू-सत्यापन नहीं हुआ, वे जल्द इसकी प्रक्रिया पूरी कर लें, अगर ऐसा नहीं किया तो उन्हें इस योजना की 17वीं किस्त का लाभ नहीं मिलेगा. तो चलिए जानते हैं आपको इसके लिए क्या करना होगा?

कई किसानों का लाभार्थी सूची से हटा नाम 
केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए शुरू की गई पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) की अगली किस्त जल्द आने वाली है. अभी तक इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर 16 किस्त जारी की जा चुकी है. अब किसानों को 17 वीं किस्त का किसानों को बेसब्री से इंतजार है, लेकिन उसके पहले ही सरकार ने कुछ किसानों को बड़ा झटका दिया. दरअसल, कई किसानों का लाभार्थियों की सूची से नाम हट गया है.  

ऐसे करें ई-केवाईसी

1. सबसे पहले किसान को ई-केवाईसी अपडेट करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑफिशियल वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाएं. 
2. इसके बाद वहां ई-केवाईसी वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. 
3. इसके बाद आपसे आधार नंबर पूछा जाएगा,  आधार नंबर डालने के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी आएगा.
4. इसके बाद आप पोर्टल पर ओटीपी वाले बॉक्स में मोबाइल पर आई ओटीपी डाल दें. इस तरह आप की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. 

इसे भी पढ़ें-लोगों को मिलता रहेगा फ्री राशन का लाभ, सरकार ने कर लिया ये इंतजाम


ऐसे कराएं भू सत्यापन

ई-केवाईसी के अलावा जिन किसानों का भू सत्यापन नहीं हुआ है, उनको भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 17 वीं किस्त का लाभ नहीं मिलेगा. ऐसे में आपको अपने करीबी कृषि कार्यालय में जाकर अपनी जमीन का भू सत्यापन जल्द से जल्द करा लेना चाहिए.

कब आएगी किस्त?
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त जून महीने के आखिरी हफ्ते या जुलाई के पहले हफ्ते में जारी होने की उम्मीद है. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी 2024 को महाराष्ट्र के यवतमाल से रिमोट बटन दबाकर इस योजना के तहत 16वीं किस्त के लगभग 9 करोड़ किसानों के खाते में 21 हजार करोड़ से अधिक की राशि भेजी थी.


लोगों को मिलता रहेगा फ्री राशन का लाभ, सरकार ने कर लिया ये इंतजाम 

इस बार गेहूं की फसल अच्छी हुई, जिससे किसानों के साथ सरकार अच्छी होने वाली है. जानकारी के अनुसार इस साल गेहूं उत्पादन का अनुमान 114 मिलियन टन है. 

Last Modified:
Thursday, 23 May, 2024
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लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के बीच सरकार ने देश के करोड़ों लोगों को राहत देने का काम किया है. सरकार ने गेहूं की खरीद को लेकर एक ओर किसानों की परेशानी को काम किया. दूसरा, फ्री राशन के लाभार्थियों को भी राहत की खबर दी है. दरअसल, सरकार ने लोगों को फ्री राशन का लाभ देने के लिए गेंहू की खरीद शुरू कर दी है. 

सरकार ने किया गेंहू का भंडारण
सरकार ने एक बार फिर से सरकीर गोदामों को भरने का काम कर लिया है. जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने मंगलवार रात तक 262 लाख टन से ज्यादा गेहूं का भंडारण कर लिया है, जिसमें आने वाले दिनों में 10 से 15 लाख टन का और भी इजाफा देखने को मिल सकता है. इसका मतलब है कि सरकार किसानों से पिछले साल के मुकाबले करीब 10 से 15 लाख टन अतिरिक्त गेहूं खरीदने जा रही है. ऐसी उम्मीद है कि सरकार इस साल किसानों से 270 से 275 लाख टन गेहूं किसानों से खरीदने की योजना बना रही है. 

गेंहू की खरीद में पिछले साल का रिकॉर्ड टूटा
खास बात तो ये है कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एफसीआई ने पिछले साल के मुकाबले ज्यादा अनाज किसानों से खरीदा है. एक्सपर्ट्स के अनुसार सरकार इस साल लगातार किसानों से गेहूं खरीद रही है, ताकि सरकारी गोदाम भरे रहें. एफसीआई ने अब तक जितना भी गेहूं किसानों से खरीदा है, उस हिसाब से पिछले साल का रिकॉर्ड टूट गया है. पिछले साल एफसीआई ने किसानों से 261.97 लाख टन गेहूं खरीदा था.

जारी रहेगी फ्री राशन स्कीम 

एक्सपर्ट्स के अनुसार सरकार द्वारा गेंहूं की खरीद फ्री राशन की समस्या का समाधान माना जा रहा है. यानी की अब लोगों को फ्री राशन मिलने में कोई समस्या नहीं आएगी. दरअसल, सरकार ने अगले 5 साल, 5 किलो अनाज की फ्री राशन स्कीम को आगे बढ़ा दिया है. पिछले साल फ्री राशन स्कीम की वजह से सरकार का स्टॉक रिकॉर्ड निचले स्तर पहुंच गया था. आंकड़ों के अनुसार सरकार का स्टॉक 16 साल के लोअर लेवल पर था. अब जब सरकार ने गेहूं की बंपर खरीदारी कर ली है. उसकी वजह से फ्री राशन स्कीम में आगे बढ़ाने में किसी तरह की समस्या नहीं आएगी. 

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पंजाब और हरियाणा से सबसे ज्यादा हुई गेंहू की खरीद
जानकारी के अनुसार सरकार ने सबसे ज्यादा गेहूं पंजाब और हरियाणा से खरीदा है. एक्सपर्ट्स ने इस बार गेहूं की फसल का बंपर अनुमान लगाया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस साल गेहूं उत्पादन का अनुमान 114 मिलियन टन है. हरियाणा और पंजाब दोनों जगहों पर गेहूं की फसल अच्छी हुई है. वहीं, मध्यप्रदेश में आंकड़ा थोड़ा कम रह सकता है. वहीं, सरकार के अनुसार खरीद का ये आंकड़ा 300 मिलियन टन तक भी पहुंच सकता है.
 


अब आपको नहीं लगाने होंगे RTO के चक्कर, 1 जून लागू होंगे नए नियम

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1 जून 2024 से ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए नए नियमों की घोषणा कर दी है.

Last Modified:
Wednesday, 22 May, 2024
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ड्राइविंग लाइसेंस (DL) से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव हो रहा है. यह बदलाव आगामी एक जून से लागू होने वाले हैं. अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय या आरटीओ के ऑफिस में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. माना जा रहा है कि यह बदलाव ड्राइविंग लाइसेंस पाने की प्रक्रिया को काफी हद तक सरल कर देगा.

ड्राइविंग लाइसेंस पाना एक बोझिल प्रक्रिया

भारत में यदि किसी को ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करना है तो अभी यह एक बोझिल प्रक्रिया है, क्योंकि आवेदक को कई फॉर्म भरने होते हैं. कई बार सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाना होता है. ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया की ये जटिलताएं भी सिस्टम में भ्रष्टाचार के दायरे को बढ़ावा देती हैं, जो आखिरकार भारत में सड़क सुरक्षा को प्रभावित करती हैं.

अब हो रहा है ये बदलाव

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए नए नियमों की घोषणा की. अब 1 जून 2024 से, लोग सरकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) के बजाय निजी ड्राइविंग स्कूलों में अपना ड्राइविंग टेस्ट दे सकते हैं. इन निजी स्कूलों को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवश्यक परीक्षण लेने और प्रमाण पत्र प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी. वहीं, अब आरटीओ के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी.

नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया तो होगा बड़ा जुर्माना

बिना वैध लाइसेंस के वाहन चलाने का जुर्माना अब सख्त कर दिया गया है. अब ऐसा करने पर 1,000 रुपये से 2,000 रुपये तक का जुर्माना तो लगता ही है, यदि चलाने वाला कोई नाबालिग है तो उसके माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, साथ ही 25,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है. इसके साथ साथ संबंधित मोटर वाहन का पंजीकरण प्रमाणपत्र भी रद्द कर दिया जा सकता है.

निजी ड्राइविंग स्कूलों के लिए क्या हैं नियम

नियमों के मुताबिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के पास कम से कम 1 एकड़ जमीन होनी चाहिए. यदि वे चार पहिया वाहनों के लिए प्रशिक्षण देते हैं, तो उन्हें दो एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. ड्राइविंग स्कूलों को उचित परीक्षण सुविधा होनी चाहिए. प्रशिक्षकों के पास हाई स्कूल डिप्लोमा कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव के साथ बायोमेट्रिक्स और आईटी सिस्टम का ज्ञान होना चाहिए.

आवेदन की प्रक्रिया में भी होगा बदलाव?

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं हो रहा है. यह पहले की तरह ही रहेगा. आवेदक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट - https://parivahan.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं. हालांकि, वे मैनुअल प्रक्रिया के जरिए आवेदन जमा करने के लिए अपने संबंधित आरटीओ पर भी जा सकते हैं. इसके लिए जन सेवा केंद्र की भी मदद ली जा सकती है.
 


Unwanted Calls को रोकने के लिए TRAI ने बनाया है तगड़ा प्लान, आपको ऐसे मिलेगी राहत

अनचाहे कॉल्स अब भी लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए TRAI ने नया प्लान तैयार किया है.

Last Modified:
Tuesday, 21 May, 2024
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मोबाइल फोन पर आने वाले अनचाहे कॉल (Unwanted Calls) को रोकने के लिए डू नॉट डिस्टर्ब यानी DND की व्यवस्था चालू की गई थी, लेकिन इसका कोई खास फायदा नहीं हुआ. अब भी मोबाइल यूजर ऐसी स्पैम कॉल्स से परेशान हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) एक बड़ी मुहिम शुरू करने जा रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब अनचाहे कॉल को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद ली जाएगी. ट्राई के निर्देश के बाद वोडाफोन ने सैंडबॉक्स नामका एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है. जल्द ही इसे पूरे देश में चालू करने की तैयारी है.

अपने आप हो जाएंगे ब्लॉक
TRAI ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत अनचाहे कॉल स्वतः ब्लॉक हो जाएंगे. ट्राई स्पैम कॉल्स को रोकने के लिए AI फिल्टर की मदद ले रही है. नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर इसकी सहायता से ऐसे कॉल्स को नेटवर्क पर ही ब्लॉक कर देंगे, जिससे स्पैम कॉल्स यूजर के फोन तक नहीं पहुंच सकेंगे.  इसके लिए सभी दूरसंचार कंपनियां एक कॉमन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेंगी. कंपनियां इस प्लेटफॉर्म पर उन नंबरों को दर्ज कराएंगी जो इस तरह के कॉल करते हैं. नई व्यवस्था में 10 अंकों के फोन नंबरों के प्रमोशनल कॉल पर भी बैन लग जाएगा.

90% तक आ सकती है कमी 
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तकनीक से स्पैम कॉल्स में करीब 90% तक की कमी आने की संभावना है. रिपोर्ट में बताया गया है कि अक्सर लोग क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन, कार लोन या फिर किसी अन्य तरह की जानकारी के लिए अपने ईमेल के माध्यम से संपर्क करते हैं, लेकिन लॉगआउट नहीं करते हैं. ऐसे लोगों को स्पैम कॉल ज्यादा आते हैं. AI उन लोगों के फोन से स्पैम कॉल्स को ब्लॉक कर देगा, जिन्होंने पहले कभी वेबसाइट या ईमेल के माध्यम से ऐसी जानकारी नहीं ली है. वहीं, जरूरी सेवाओं जैसे कि बैंक, आधार और अन्य सरकारी या प्राइवेट विभागों के फोन लोगों तक पहुंचते रहेंगे. इन सेवाओं के लिए नई सीरीज के नंबर जारी किए जाएंगे.  


आम लोगों को सरकार ने दी राहत, इन बीमारियों की 41 दवाईयां होंगी सस्ती

NPPA की 143वीं बैठक में 41 दवाओं के दाम कम करने का फैसला लिया गया है. इसमें मल्टीविटामिन, एंटीबायोटिक्स, एलर्जी, शुगर, हार्ट और लिवर जैसी तमाम बीमारियों की दवाएं शामिल हैं.

Last Modified:
Thursday, 16 May, 2024
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हार्ट, लिवर जैसी तमाम बीमारियों के इलाज में काम आने वाली तमाम दवाओं के दाम को लेकर सरकार ने राहत भरा फैसला लिया है. सरकार की ओर से 41 दवाओं और 6 फॉर्मूलेशन के दाम तय किए गए हैं. इसमें शुगर, दर्द, हार्ट, लिवर, एंटासिड, इन्फेक्शन, एलर्जी, मल्टीविटामिन, एंटीबायोटिक्स समेत 41 दवाएं शामिल हैं. ये 41 दवाएं अब जल्‍द ही सस्‍ती होंगीं.

NPPA की बैठक में हुआ फैसला

दवाओं के दाम कम करने का ये फैसला National Pharmaceuticals Pricing Authority (NPPA) की 143वीं बैठक में लिया गया. फैसले के बाद गजेट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है और कंपनियों को तत्‍काल प्रभाव से डीलर्स, स्टॉकिस्ट को जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं. निर्देशों में ये भी कहा गया है कि दवा कंपनी ग्राहकों से सिर्फ दवा की कीमत के अतिरिक्‍त GST ही ले सकती है, अगर कंपनी ने GST का भुगतान किया है.

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आम लोगों को मिलेगी राहत 

बता दें कि सरकार इन दवाओं के बढ़ रहे प्राइस को कंट्रोल में करने के लिए ये फैसला लिया है. मल्टीविटामिन, एंटीबायोटिक्स, एलर्जी, इन्‍फेक्‍शन, शुगर, पेनकिलर, हार्ट, लिवर आदि ये ऐसी समस्‍याएं हैं, जिनसे देश के तमाम लोग जूझ रहे हैं. अगर सिर्फ डायबिटीज की बात करें तो आंकड़े बताते हैं कि भारत में डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों की संख्‍या 10 करोड़ से भी ज्‍यादा है. ये बीमारी भारत में काफी आम होती जा रही है. ऐसे में अगर इन तरह की समस्‍याओं से जुड़ी दवाओं के दाम कम होते हैं तो लोगों को काफी राहत मिलेगी. बता दें कि NPPA एक सरकारी रेगुलेटरी एजेंसी है जो भारत में फार्मास्युटिकल दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करती है.

फरवरी में भी हुई थी दवाई सस्ती 

इसी साल फरवरी में भी NPPAने डाइबिटीज और हाइपरटेंशन दोनों बीमारियों में इस्तेमाल की जाने वाली 69 दवाओं की कीमत कम की थी. एनपीपीए ने इन बीमारियों में इस्तेमाल की जाने वाली 69 दवाओं के फॉर्मूलेशन का रिटेल प्राइस तय किया था और 31 फॉर्मुलेशन वाली दवाओं की कीमतों पर फैसला लिया था.
 


इन दो राज्यों में 3 दिन बंद रहेंगे स्कूल, छात्रों को गर्मी के कहर से मिलेगी राहत

पंजाब और हरियाणा के स्कूल 3 दिन बंद रहेंगे. इससे बच्चों को गर्मी से काफी राहत मिलेगी.

Last Modified:
Friday, 10 May, 2024
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उत्तर भारत में गर्मी का कहर बढ़ने लगा है. दोपहर में भरी गर्मी में लोगों का घरों से बाहर निकालना मुश्किल हो रहा है. इस बीच पंजाब और हरियाणा के स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए एक राहत की खबर आई है. दरअसल इन दोनों राज्यों के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को तीन दिन की छुट्टी का तोहफा मिला है. चलिए आपको बताते हैं छात्रों को ये छुट्टियां क्यों मिल रही हैं?

आज है परशुराम जयंती
परशुराम जयंती 2024 के खास अवसर पर पंजाब और हरियाणा के स्कूल 10 मई को बंद हैं. शुक्रवार होने से यह छुट्टी और भी खास हो गई है, क्योंकि अधिकतक स्कूलों में शनिवार को भी छुट्टी रहेगी. इस हिसाब से स्कूली बच्चों के लिए यह लॉन्ग वीकेंड हो गया है. शनिवार के बाद रविवार को भी छुट्टी रहेगी. भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर पंजाब और हरियाणा सरकार ने सरकारी छुट्टी घोषित की है. ऐसे में स्कूल, कालेज के साथ सरकारी दफ्तर और व्यापारिक इकाईयां भी बंद हैं.  आपको बता दें, फरीदाबाद, दयालबाग और गुरुग्राम जैसे शहरों के भी सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल 3 दिन बंद रहेंगे.

इसे भी पढ़ें-अब नहीं करा पाएंगे टंकी फुल, पेट्रोल-डीजल खरीदने की लिमिट सरकार ने कर दी तय

गर्मी के चलते जल्द समर वैकेशन की भी होगी घोषणा
उत्तर भारत (North India) में तापमान 40 डिग्री के आस-पास रिकॉर्ड किया जा रहा है. इसे देखते हुए ज्यादातर स्कूलों का समय भी बदल दिया गया है. लेकिन उससे भी बच्चों को ज्यादा राहत नहीं मिल पा रही है. अब 3 दिनों तक घर में रहने से उन्हें हीटवेव से बचने का मौका मिलेगा. माना जा रहा है कि इस साल प्रचंड गर्मी को देखते हुए सभी स्कूलों में समर वेकेशन (Summer Vacation in May) भी समय से पहले घोषित की जा सकती है. यूपी व दिल्ली-एनसीआर में भी छुट्टियों की घोषणा होने वाली है.

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अब नहीं करा पाएंगे टंकी फुल, पेट्रोल-डीजल खरीदने की लिमिट सरकार ने कर दी तय

त्रिपुरा सरकार ने राज्य में पेट्रोल-डीजल की खरीदारी और बिक्री के लिए एक लिमिट तय कर दी है. ये पाबंदी दोपहिया वाहन से लेकर बसों तक सभी वाहनों के लिए है.

Last Modified:
Friday, 10 May, 2024
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अगर आपको अपनी बाइक और कार की टंकी फुल कराके चलने की आदर है, तो अब ऐसा करना भूल जाएं. दरअसल त्रिपुरा सरकार ने अपने राज्य में पेट्रोल और डीजल की कमी को देखते हुए इनकी खरीद और बिक्री के लिए एक सीमा तय कर दी है. अब राज्य के लोग अपने वाहन की टंकी फुल नहीं करा पाएंगे. तो चलिए जानते हैं सरकार ने पेट्रोल और डीजल के लिए कितनी लिमिट तय की है?

एक दिन में सिर्फ इतना खरीद पाएंगे पेट्रोल और डीजल
त्रिपुरा में अब आप अपने वाहन की टंकी को फुल नहीं करा पाएंगे. दोपहिया वाहन के लिए रोजाना 200 रुपये और चार पहिया वाहन 500 रुपये तक का पेट्रोल खरीद सकेंगे. ये आदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा सभी पेट्रोल पंपों को दिए गए हैं. वहीं, एक दिन में एक बस को केवल 60 लीटर डीजल ही बेचा जाएगा, जबकि मिनी बस 40 लीटर और आटो रिक्शा-तिपहिया वाहनों के लिए यह सीमा 15 लीटर होगी.

सरकरा ने क्यों लिया ये फैसला?
दरअसल असम के जतिंगा में बड़े पैमाने पर भूस्खलन (Landslide) होने के कारण मालगाड़ियां त्रिपुरा नहीं पहुंच पा रही है. इसके चलते राज्य में पैट्रोल और डीजल की कमी हो गई है. इसके बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने जानकारी दी है पेट्रोल और डीजल की कमी के चलते इनकी बिक्री पर 1 मई से अगले आदेश तक कुछ पांबदी लगाने का फैसला किया गया है. . पाबंदी कब तक रहेगी इसकी अभी कोई सूचना नहीं मिली है.

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अक्षय तृतीया पर खरीद रहे हैं सोना, तो इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा नुकसान

अगर आप आज अक्षय तृतीया के मौके पर सोना खरीदने के लिए घर से निकल रहे हैं तो इससे पहले आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा.

Last Modified:
Friday, 10 May, 2024
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देश में आज अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जा रहा है. अक्षय तृतीया के मौके पर सोना, हीरा या गहने खरीदने की परंपरा है. अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीदारी अब उत्सव का रूप ले चुकी है. बाजारों में जमकर चमक दिखती है और लोग खूब सोना, चांदी और हीरे की खरीदारी करते हैं. अगर आप भी अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें. वरना हो सकता है कि इस त्योहार की भीड़-भाड़ में आप किसी ठगी का शिकार बन जाएं.

हॉलमार्क वाली ज्वैलरी ही खरीदें

सोना या सोने के गहने खरीदने से पहले हॉलमार्क जरूर चेक करना चाहिए. हॉलमार्क से सोने की शुद्धता का पता चलता है. इसके तहत अमूमन 18 कैरेट से 22 कैरेट तक होते हैं. आप सोने के गहने, गिन्नी, सिक्के या बिस्किट खरीदते वक्त यह चेक कर लें कि उस पर सही हॉलमार्क है या नहीं. इसके साथ ही हॉलमार्क की उस संख्या को बिल बिल में जरूर लिखवाएं. हर ज्वेलरी का एक यूनिक HUID नंबर होता है, जो BIS के आगे लिखा होता है.

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24 कैरेट सोना होता है शुद्ध

24 कैरेट यानी 24K को सबसे शुद्ध सोना माना जाता है. जब आप सोने की ज्वैलरी खरीदते हैं, तो उसमें 18-22K का सोना इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही इसमें दूसरी धातु भी मिक्स की जाती है. इसके साथ ही सोने के गहने मीनाकारी से अधिक सुंदर दिखने लगते हैं. लेकिन बता दें कि मीनाकारी आपकी जेब पर भारी पड़ती है. क्योंकि मीनाकारी करते वक्त जिन रंगों का इस्तेमाल होता है उनका वजन भी सोने के साथ ही जुड़ जाता है.  

मेकिंग चार्ज पर करें मोल-भाव

सोना खरीदते वक्त ज्वैलरी के मेकिंग चार्ज पर मोल-भाव किया जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर ज्वैलर्स मोल-भाव के बाद कीमत कम कर देते हैं. आपको बता दें कि ज्वैलरी की ओवरऑल कीमत में करीब 30 फीसदी हिस्सा सिर्फ मेकिंग चार्ज का होता है, जिससे ज्वैलर्स को फायदा होता है. ऐसे में मोल-भाव करके थोड़ा फायदा आप भी उठा सकते हैं.

सोने का वजन चेक करें और बिल जरूर लें

सोना खरीदते वक्त उसका वजन चेक करना न भूलें. वजन हल्का सा भी ऊपर-नीचे होने पर दिक्कत हो सकती है. सोना खरीदना महंगा पड़ सकता है. इसके साथ ही सोना खरीदने के बाद ज्वैलर से बिल लेना न भूलें. देख लें कि बिल पर मेकिंग चार्ज और जीएसटी के बारे में सारी जरूरी जानकारी दी हो. सोने की खरीददारी में पक्का बिल अपने पास रखें.
 


आपको नहीं मिला PM Kisan का पैसा?, तो करें ये काम, तुरंत आपके अकाउंट आएंगे 2000

देश के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना की 16 किश्तों में फायदा मिल चुका है. अब सरकार 17वीं किश्त जारी करने की तैयारी में है.

Last Modified:
Thursday, 09 May, 2024
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केंद्र सरकार ने किसानों के पीएम किसान योजना शुरू की है. PM Kisan Yojana का लाभ देश के करोड़ों किसानों को मिल रहा है. इस योजना के तहत देश के करोड़ों किसानों को अब तक 16 किस्तों का लाभ मिल चुका है. फरवरी महीने की 28 तारीख को 16वीं किस्त के पैसे किसानों के बैंक खातों में भेजे गए थे. अब वह किसान सम्मान निधि के 17वीं किस्त के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अगर आपका 17वीं किस्त की लिस्ट में नाम नहीं है तो फिर से अप्लाई कर सकते हैं.

किस्त पाने के लिए e-KYC अनिवार्य

पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा उठाने के लिए किसानों के बैंक अकाउंट को आधार से लिंक होना बेहद जरुरी है. जिन किसानों का 17वीं किश्त की लिस्ट में नाम नहीं है, वो फिर से अप्लाई कर सकते हैं. वहीं किसानों को ई-सेवा के जरिए e-KYC कराने की भी सलाह दी गई है. आधार कार्ड और बैंक अकाउंट में अगर नाम में कुछ गलती है वो भी ठीक करा लें नहीं तो 17वीं किश्त के पैसे फंस सकते हैं.

अगर आपका पैसा नहीं आया तो क्या करें?

अगर आपके अकाउंट में 17वीं किस्त के तहत 2,000 रुपये नहीं आते हैं तो आप कुछ काम कर सकते हैं, जैसे कि आपको बेनेफिशियरी लिस्ट में पहले अपना नाम चेक करना चाहिए. इसके साथ ये भी देख लें कि आपने जो डॉक्यूमेंट्स अपनी बैंक अकाउंट डीटेल्स, आधार नंबर वगैरह जैसी जानकारी भरी थी, वो बिल्कुल सही है. अगर कहीं कोई गड़बड़ी हो गई है तो भी आपका पैसा अटक सकता है.

ऐसे बेनेफिशियरी लिस्ट में चेक करें अपना नाम

•    सबसे पहले आपको पीएम किसान योजना के ऑफिशियल पोर्टल pmkisan.gov.in पर जाना होगा.
•    थोड़ा सा नीचे स्क्रोल करने पर आपको "Farmers Corner" दिखेगा, उसके नीचे कई बॉक्स बने होंगे. यहां बेनेफिशियरी स्टेटस "Beneficiary Status" वाले बॉक्स पर क्लिक करें.
•    इसके बाद आपको या तो पीएम किसान खाता संख्या या रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालें.
•    अगर मोबाइल नंबर रजिस्टर नहीं तो पहले वो रजिस्टर करें. इसके लिए आपके फोन पर एक OTP (One Time Password) आएगा.
•    अब ये प्रोसेस कंप्लीट हो जाने के बाद Get Data पर क्लिक करें.
•    आपके खाते का स्टेटस आपको दिख जाएगा.

पीएम किसान योजना के लिए फिर से कैसे करें अप्लाई

•    सबसे पहले पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर विजिट करें.
•    इसके बाद फारमर्स कॉर्नर पर क्लिक करना होगा. 
•    अब न्यू फार्मर रजिस्ट्रेशन ऑप्शन को सेलेक्ट करें. 
•    रूरल फार्मर रजिस्ट्रेशन या अर्बन फार्मर रजिस्ट्रेशन ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. 
•    इसके बाद आधार, मोबाइल नंबर दर्ज करें और स्टेट सेलेक्ट करें। फिर गेट ओटीपी पर क्लिक करें.
•    अब ओटीपी नबंर दर्ज करें और प्रोसीड फॉर रजिस्ट्रेशन ऑप्शन को सेलेक्ट करें.
•    मोर डिटेल्स पर एंटर करें और स्टेट सेलेक्ट करने के बाद जिला, बैंक और आधार कार्ड के अनुसार जानकारी दर्ज करना होगा.
•    इसके बाद आधार ऑथंटिकेशन के लिए सब्मिट बटन पर क्लिक करना है
•    अब खेती की जानकारी और मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें. 
•    इसके बाद सेव बटन पर क्लिक करना है.
•    एप्लीकेशन कंफर्मेशन का मैसेज आपकी स्क्रीन पर दिखने लगेगा.

हेल्पलाइन नंबर पर करें कॉल

इसके अलावा अगर आपकी डीटेल गलत हैं या फिर आपको आगे और मदद की जरूरत है तो आप इसके लिए हेल्पलाइन नंबर- 155261 या फिर टोल फ्री नंबर- 1800115526 पर कॉल कर सकते हैं. 011-23381092 नंबर पर मदद ली सकती है. पीएम किसान योजना की आधिकारिक ईमेल आईडी- pmkisan-ict@gov.in  है आप इस पर भी ईमेल कर सकते हैं.
 


पराली जलाने वाले किसान हो जाएं सावधान, पराली जलाई तो कटेगी जेब?

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के सचिवों को केंद्र ने पराली जलाने पर किसानों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. केंद्र ने राज्यों का चिट्ठी लिखते हुए इस पर रिपोर्ट भी मांगी है.

Last Modified:
Thursday, 09 May, 2024
BWHindia

किसानों के लिए यह खबर बेहद जरूरी है, पराली जलाने वाले किसानों को अब सरकार की ओर से MSP का लाभ नहीं मिलेगा. केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों को लेकर राज्य सरकारों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि पराली जलाने वाले किसानों को इस साल से MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ देने से वंचित किया जाए. इसके लिए केंद्र ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान समेत सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इसे जल्दी लागू करते हुए स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

कैसे किसानों की पहचान होगी? 

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के सचिवों को केंद्र ने निर्देश दिए है. केंद्र ने लिखी चिट्ठी और रिपोर्ट भी मांगी है. ISRO की मदद से पराली जलाने वाले किसानों की पहचान होगी. सचिवों की कमेटी के मुताबिक पंजाब को नियमों का पालन करवाना होगा. सचिवों की कमेटी ने खाद्य मंत्रालय को इसे लागू करने के लिए मेकैनिज्म तैयार करने के निर्देश भी दिए. किसानों के जमीन रिकॉर्ड के अंदर पराली जलाने की घटना दर्ज होगी.

पंजाब में जलाई जाती है सबसे ज्यादा पराली

सरकार द्वारा दिए गए नए आंकड़ों के अनुसार पंजाब में सबसे अधिक धान की खेती होती है. इस साल 31.54 लाख हेक्टेयर धान की खेती बढ़ने का अनुमान है. जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है, जबकि पंजाब के बाद हरियाणा राज्य में धान की पैदावार होती है. इस बार 15.73 लाख हेक्टेयर धान की खेती का अनुमान है. ज्यादा मात्रा में धान की खेती होने की वजह से सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले पंजाब जबकि दूसरा नंबर हरियाणा है. वैसे पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सजा और फाइन का प्रावधान बहुत जटिल है. राज्य सरकार अपने राजनीतिक नफा नुकसान को देखते हुए पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचती है. साल 2024-25 में पराली के नियम को लागू करने की योजना सरकार बना रही है.

केंद्र और राज्य के बीच हो चुकी है बैठक

बीते 10 अप्रैल को सचिवों की बैठक हुई. जिसमें केंद्र सरकार ने पराली के खिलाफ कार्रवाई करने की भी योजना बनाई. NSRC और इसरो को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसके तहत खेतों की मैपिंग कराई जाएगी. साथ ही जिन खेतों में पराली जलाए जाते हैं उनके लिए एक प्रोटोकॉल तैयार किया गया है. बीते कुछ दिनों पहले ही पंजाब सरकार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने चालू वर्ष में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के अपने लक्ष्य पर काम करने का निर्देश दिया है.

क्या होता है MSP?

आपको बता दें कि MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस (Minimum Support Price) या न्यूनतम समर्थन मूल्य होता है. MSP वह रेट है जिस पर सरकार किसानों से सरकार फसल खरीदती है. यह किसानों की उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना अधिक होती है. केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है. किसान को अपनी फसल की MSP के तहत निर्धारित कीमत मिलती ही मिलती है, चाहे बाजार में दाम जो भी हो.