जालंधर शहर के चौक चौराहों पर महंतों (किन्नर) का कब्जा है। शायद ही कोई ऐसा चौक होगा जहां बधाई नही मांगी जाती। लेकिन इन चौकों के बंटवारे को लेकर बीते दिन महंतों के दो पक्ष आमने सामने हो गए। जिसमें से एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर जमकर मारपीट करने के आरोप लगाए और थाने के बाहर प्रदर्शन किया।
थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे महंत सिम्मी ने आरोप लगाया कि उनके महंतों को शिंदा बाबा बेवजह से परेशान कर रहा है और उनके दो साथियों को पठानकोट चौक से उठाकर ले गया। अपने डेरे पर ले जाकर शिंदा बाबा ने मारपीट भी। इस बात की शिकायत थाना-8 में दी थी। लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई तो धरना प्रदर्शन करना पड़ा।
वहीं जब थाने के बाहर धरना प्रदर्शन हो रहा था तो एसएचओ संजीव कुमार के साथ भी महंतों ने काफी बहसबाजी की। आखिर में शिकायत लेने के बाद धरना हटा दिया गया। एसएचओ संजीव कुमार ने कहा कि मामले की जांच कर रहे हैं। उसके बाद ही कारवाई की जाएगी। दोनों पार्टियों का पंचायती राजीनामा होना था। लेकिन किसी कारणवश नहीं हो सका। अब पार्टी को थाने बुलाया गया है। उसके बाद ही अगली कारवाई होगी।
वहीं दूसरे पक्ष के शिंदा बाबा ने कहा कि न तो सिम्मी उनका चेला है और न ही उनसे कोई लेना देना है। उन पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह सब बेबुनियाद है। जब मैं बीमार था तो सभी महंतों ने आकर मेरे हालातों के बारे में पूछताछ की। लेकिन सिम्मी नहीं आया। क्योंकि उससे कोई लेना देना नहीं है।
जो दो महंत उन पर आरोप लगा रहे हैं। वह दोनों खुद उनके पास आए थे और कह रहे थे कि जितनी भी कमाई होती है वह रख लें। मैंने मना कर दिया था। उनके साथ किसी तरह की मारपीट नहीं की गई।