Flipkart ने जॉब कट के लिए अपनाया ये तरीका, 5-7 प्रतिशत तक हो सकता है जॉब कट

ई-कॉमर्स कंपनी आने वाले समय में अपनी रिस्‍ट्रक्‍चरिंग को लेकर काम कर रही है. कंपनी ऐसा पिछले दो सालों से कर रही है. अगर ऐसा होता है तो इससे 5 से 7 प्रतिशत तक कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं.

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Monday, 08 January, 2024
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साल की शुरुआत में फ्लिपकार्ट से जो खबर निकलकर सामने आ रही है वो उसके कई कर्मचारियों के लिए परेशानी पैदा कर दी है. फ्लिपकार्ट इस साल में परफॉर्मेंस बेस जॉब कट करने जा रहा है. कंपनी की ओर से ये भी कहा गया है कि 5 से 7 प्रतिशत तक कर्मचारी इससे प्रभावित हो सकते हैं. इस खबर के बाद सवाल ये पैदा हो रहा है कि आखिर क्‍या 2024 की पहली तिमाही भी 2023 की तरह तो नहीं होने जा रही है. 

कैसे होगा परफॉर्मेंस बेस जॉब कट 
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि परफॉरर्मेंस के आधार पर होने वाले इस जॉब कट में मार्च से लेकर अप्रैल तक इसका असर देखने को मिल सकता है. इसमें कर्मचारियों के सालाना परफॉर्मेंस आधार पर कदम उठाया जाएगा. कंपनी अपने संसाधनों के और बेहतर इस्‍तेमाल को लेकर ये कदम उठा रही है. अगर Myntra को छोड़ दिया जाए तो कंपनी के पास 22000 लोगों की वर्कफोर्स है. 

आने वाले महीनों में हो सकती है बैठक 
आने वाले महीनों में फ्लिपकार्ट के सीनियर अधिकारियों की एक मीटिंग होने की भी संभावना जताई गई है. इस बैठक में 2024 के आने वाले रोड मैप पर चर्चा से लेकर मौजूदा और नए व्‍यवसायिक उद्यमों में अपने संसाधनों को बढ़ाने को लेकर कंपनी इस बैठक में विचार कर सकती है. यही नहीं कंपनी ने अपने आईपीओ के प्‍लान को भी फिलहाल 2024 तक स्‍थगित किया है. इससे पहले कंपनी 2022-23 में भी अपने आईपीओ की योजना को रोक चुकी है. 

इस ओर देख रही है कंपनी 
फ्लिपकार्ट आने वाले समय में ई-कॉमर्स कारोबार के साथ-साथ आंशिक रूप से अदानी समूह केइ स्‍वामित्‍व वाली क्लियरट्रिप का अधिग्रहण भी कर सकती है. क्लियट्रिप का जीएमवी 1.5-1.7 बिलियन डॉलर का है. फ्लिपकार्ट की योजना है कि वो इसके जरिए एयरलाइन बुकिंग से लेकर होटल व्‍यवसाय पर नजरें जमाए बैठी है. कंपनी अपने पुनर्गठन को लेकर पिछले कई महीनों से योजना बना रही है. इससे पहले अपनी पेरेंट कंपनी वॉलमार्ट से 600 बिलियन डॉलर की रकम सुरक्षित करने के बाद कंपनी अपने 1 बिलियन के राउंड की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है. 

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ISB ने जारी की ग्लोबल रिपोर्ट, जानिए कैसे फैमिली बिजनेस ट्रेडिशन और इनोवेशन को करते हैं संतुलित

भारतीय स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) के थॉमस श्मिडहाइनी सेंटर फॉर फैमिली एंटरप्राइज, जो लंबे समय से STEP प्रोजेक्ट ग्लोबल कंसोर्टियम का सदस्य है उसने एक नई रिपोर्ट जारी की है.

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Thursday, 30 May, 2024
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भारतीय स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) के थॉमस श्मिडहाइनी सेंटर फॉर फैमिली एंटरप्राइज, जो लंबे समय से STEP प्रोजेक्ट ग्लोबल कंसोर्टियम का सदस्य है उसने एक नई रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट बताती है कि विरासत का फैमिली बिजनेस की सफलता पर क्या प्रभाव पड़ता है. इसमें बताया गया है कि कुछ सफल व्यावसायिक परिवार भविष्य-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हैं, जो पीढ़ियों को एक साथ बांधता है. ये परिवार परंपरा का पालन करते हुए इनोवेशन को भी अपनाते हैं, जिससे एक गतिशील विरासत बनती है.

STEP ग्लोबल सम्मेलन में किया गया जारी

रिपोर्ट का शीर्षक है ‘Unlocking Legacy: The Path to Superior Growth in Family Businesses’ है. यह KPMG प्राइवेट एंटरप्राइज और STEP प्रोजेक्ट ग्लोबल कंसोर्टियम के बीच एक सहयोग है. इसे हाल ही में अमाल्फी कोस्ट, इटली में हुए STEP ग्लोबल सम्मेलन में जारी किया गया था. इस अवसर पर ISB के थॉमस श्मिडहाइनी सेंटर फॉर फैमिली एंटरप्राइज के कार्यकारी निदेशक प्रो. सौगाता रे और अन्य योगदान देने वाले STEP सहयोगियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

2683 बिजनेस लीडर ने दिए हैं विचार

यह रिपोर्ट 80 देशों और क्षेत्रों के 2,683 फैमिली बिजनेस लीडर नेताओं के विचार प्रस्तुत करती है, जिसमें भारत भी शामिल है. यह रिपोर्ट बताती है कि फैमिलि बिजनेस की विरासत और उसकी लॉन्ग टर्म सक्सेस के बीच एक मजबूत संबंध है. जिन बिजनेस की मजबूत विरासत होती है, वे बेहतर प्रदर्शन करते हैं और पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) सिद्धांतों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता दिखाते हैं. इसके अलावा, कई बिजनेस फैमिली 'विरासत विरोधाभास' को सफलतापूर्वक संभाल रहे हैं.

भारत में फैमिली बिजनेस महत्वपूर्ण

भारतीय फैमिली बिजनेस 78% पर विरासत के महत्व में स्कोर करते हैं, जो वैश्विक औसत के बराबर है. यह दिखाता है कि भारतीय परिवारिक व्यवसाय अपने सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में महत्व रखते हैं. पुश्तैनी एंटरप्रेन्योरशिप के मामले में भारतीय व्यवसाय 76% पर स्कोर करते हैं, जो यूरोप और एशिया-प्रशांत औसत 77% से थोड़ा कम है. इसका मतलब है कि पीढ़ी दर पीढ़ी एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. पर्यावरणीय स्थिरता के मामले में भारतीय फैमिली बिजनेस वैश्विक औसत 78% के साथ मेल खाते हैं, जो एक मजबूत आधार का संकेत है. लेकिन, आगे की जांच से पता चलता है कि पर्यावरणीय प्रथाओं में सुधार की गुंजाइश है, खासकर जहां यूरोपीय कंपनियां आगे हैं.

वैश्विक रिपोर्ट से मुख्य निष्कर्ष

विरासत के रूप में सफलता: 45% फैमिली बिजनेस जो मजबूत विरासत रखते हैं, वे अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में उच्च व्यावसायिक प्रदर्शन की रिपोर्ट करते हैं.
स्थिरता और विरासत: सर्वेक्षण में शामिल 53% फैमिली बिजनेस जो मजबूत विरासत रखते हैं, वे सामुदायिक, पर्यावरणीय, कर्मचारी, और आपूर्तिकर्ता पहलुओं में उच्च स्थिरता प्रदर्शन दिखाते हैं.
विरासत मैट्रिक्स: रिपोर्ट एक ढांचा प्रस्तुत करती है जो विरासत की ताकत और पीढ़ी दर पीढ़ी एंटरप्रेन्योरशिप के बीच के संबंध पर आधारित चार विशिष्ट विरासत प्रकारों की पहचान करती है: स्थिर, संरक्षित, विकसित हो रही, और गतिशील.
गतिशील विरासत का रास्ता: रिपोर्ट फैमिली बिजनेस को 'गतिशील विरासत' की ओर ट्रांजिशन के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करती है, जो उच्च प्रदर्शन और भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण से परिभाषित होती है.

फैमिली बिजनेस के स्पोर्ट में है रिपोर्ट

ISB के एकेडमिक डायरेक्टर और थॉमस श्मिधेनी सेंटर फॉर फैमिली एंटरप्राइज, डॉ. नूपुर पवन बांग ने जोर देकर कहा कि यह रिपोर्ट विरासत को एक रणनीतिक संपत्ति के रूप में महत्व देती है, जो फैमिली बिजनेस के लिए प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करती है. अपनी विरासत के प्रकार को समझकर और इसे सक्रिय रूप से आकार देकर, परिवारिक व्यवसाय महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना को अनलॉक कर सकते हैं, दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं और समाज में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं. 

वृद्धि के मार्ग खोलती है फैमिली बिजनेस

प्रोफेसर सोगता रे ने कहा कि यह रिपोर्ट तेजी से बदलते व्यावसायिक परिदृश्य में भारतीय फैमिली बिजनेस के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक है. उन्होंने आगे कहा कि जबकि भारतीय फैमिली बिजनेस वैश्विक औसत के बराबर विरासत के प्रति प्रशंसनीय प्रतिबद्धता दिखाते हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी एंटरप्रेन्योरशिप और कर्मचारी-केंद्रित स्थिरता प्रथाओं को और बढ़ाने की संभावना है. वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखकर और उन्हें भारतीय संदर्भ में अपनाकर भारतीय परिवारिक व्यवसाय वृद्धि और प्रभाव के नए मार्ग खोल सकते हैं.

विरासत एक सतत प्रक्रिया

रिपोर्ट में आंकड़े दिखाते हैं कि विरासत एक सतत प्रक्रिया है जो विभिन्न कारकों द्वारा आकार लेती है, जिसमें पीढ़ी दर पीढ़ी एंटरप्रेन्योरशिप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे खुली बातचीत और पीढ़ियों के बीच पुल बनने में मदद मिलती है. यह रिपोर्ट भविष्य की ओर देखने वाले दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है जो परंपरा और इनोवेशन को मिलाती है और आज के गतिशील परिदृश्य में लचीलापन, प्रतिस्पर्धात्मकता और प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए बदलाव को अपनाने की आवश्यकता पर जोर देती है.
 


स्टॉक मार्केट की माहिर खिलाड़ी हैं झुनझुनवाला की पत्नी, डिविडेंड से ही कमा डाले करोड़ों

रेखा झुनझुनवाला ने कई कंपनियों में निवेश किया है. उन्हें डिविडेंड के रूप में सबसे ज्यादा रकम टाइटन से मिली है.

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Thursday, 30 May, 2024
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दिग्गज निवेशक रहे राकेश झुनझुनवाला की पत्नी रेखा झुनझुनवाला (Rekha Jhunjhunwala) भी स्टॉक मार्केट में निवेश करती हैं. उन्होंने कई कंपनियों में पैसा लगाया है और अब उन्हें डिविडेंड के रूप में जो रकम मिली है वो सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. रेखा झुनझुनवाला का पोर्टफोलियो करीब 37831 करोड़ रुपए है. इससे उन्हें बतौर डिविडेंड 224 करोड़ रुपए मिले हैं. उन्हें सबसे ज्यादा डिविडेंड टाटा समूह की कंपनी टाइटन से मिला है. 

PSU बैंक से मिले इतने
एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2024 तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के हिसाब रेखा झुनझुनवाला को टाइटन से 52.23 करोड़ रुपए की डिविडेंड इनकम हुई है. उनके पोर्टफोलियो में Titan Company के 4.74 करोड़ शेयर हैं. इसी तरह, झुनझुनवाला को केनरा बैंक से 42.37 करोड़ की डिविडेंड इनकम हुई है. बता दें कि जब कोई कंपनी साल भर में कमाए गए अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयरहोल्डर्स में बांटती है, तो उसे ही डिविडेंड कहते हैं. हालांकि कई बार ऐसे भी होता है कि कंपनियां मुनाफे के बजाय सरप्लस कैश से भी शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड बांटती हैं.

इनसे भी भर गई झोली
रेखा झुनझुनवाला को वैलोर एस्टेट से डिविडेंड के रूप में 27.50 करोड़ रुपए, NCC से 17.24 करोड़ और टाटा मोटर्स से 12.84 करोड़ रुपए मिले हैं. इनके अलावा, क्रिसिल, एस्कॉर्ट्स कुबोटा, फोर्टिस हेल्थकेयर, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज और फेडरल बैंक सहित झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में शामिल दूसरे शेयरों से वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में उन्हें करीब 72.49 करोड़ रुपए की डिविडेंड इनकम मिली है. इस तरह, एक ही झटके में रेखा झुनझुनवाला  को करोड़ों की कमाई हो गई है. 

किसमें बढ़ाई है हिस्सेदारी?
झुनझुनवाला की टॉप 3 होल्डिंग्स की बात करें, तो उनकी टाइटन में 5.4% हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू 16215 करोड़ रुपए के आसपास है. टाटा मोटर्स में झुनझुनवाला की 1.3% हिस्सेदारी है और इसकी वैल्यू 4052 करोड़ है. इसी तरह, मेट्रो ब्रांड्स में उनके पास 3059 करोड़ रुपए की वैल्यू वाली 9.6% हिस्सेदारी है. मार्च तिमाही तक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, मिसेज झुनझुनवाला ने वैलोर एस्टेट में 1.66 प्रतिशत और एग्रो टेक फूड्स में 0.38 प्रतिशत हिस्सेदारी बढ़ाई है. इसके उलट उन्होंने जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज, NCC, फोर्टिस हेल्थकेयर, नजारा टेक्नोलॉजीज, केनरा बैंक और फेडरल बैंक में हिस्सेदारी कम की है.


अमीरों की सूची में बड़ा उलटफेर, जानिए कौन बना नंबर वन, अंबानी-अडानी को इतना नुकसान?

दुनिया के अमीरों की लिस्ट में बुधवार को भारी उलटफेर देखने को मिला है. लंबे समय से नंबर एक की कुर्सी पर काबिज फ्रांस के बर्नार्ड अरनॉल्ट अब दूसरे नंबर पर खिसक गए हैं.

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Thursday, 30 May, 2024
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दुनिया के अमीरों की लिस्ट में जबरदस्त उलटफेर देखने को मिला है. अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन (Amazon) के फाउंडर जेफ बेजोस (Jeff Bezos) फिर से दुनिया के सबसे बड़े रईस बन गए हैं. वह फ्रांस के बर्नार्ड अरनॉल्ट (Bernard Arnault) को पछाड़कर नंबर एक की कुर्सी पर पहुंचे हैं. ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक अरनॉल्ट की नेटवर्थ गिरकर 203 अरब डॉलर रह गई जबकि जेफ बेजोस 205 अरब डॉलर के साथ नंबर वन बन गए हैं. इस साल अरनॉल्ट की नेटवर्थ में 4.36 अरब डॉलर की गिरावट आई है जबकि बेजोस की नेटवर्थ 27.9 अरब डॉलर बढ़ी है.

अरबपतियों की संपत्ति में आई गिरावट

बुधवार को दुनिया के दस टॉप अरबपतियों की नेटवर्थ में गिरावट आई. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क 202 अरब डॉलर के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं. मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग (169 अरब डॉलर) के साथ चौथे, लैरी पेज (156 अरब डॉलर) पांचवें, बिल गेट्स (152 अरब डॉलर) छठे, स्टीव बालमर (148 अरब डॉलर) सातवें, सर्गेई ब्रिन (147 अरब डॉलर) आठवें, लैरी एलिसन (138 अरब डॉलर) और वॉरेन बफे (133 अरब डॉलर) दसवें नंबर पर हैं. इस लिस्ट में 11वें नंबर पर मौजूद माइकल डेल की नेटवर्थ में बुधवार को 4.19 अरब डॉलर की तेजी आई और यह 123 अरब डॉलर पहुंच गई.

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अंबानी और अडानी की नेटवर्थ भी गिरी

इस बीच भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी की नेटवर्थ में भी गिरावट आई है. Reliance Industries के चेयरमैन की नेटवर्थ में 1.53 अरब डॉलर की गिरावट आई. अंबानी 110 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 12वें नंबर पर हैं. अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी 106 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ इस लिस्ट में 13वें नंबर पर हैं. बुधवार को उनकी नेटवर्थ में 7.95 करोड़ डॉलर की गिरावट आई. इस बीच एनवीडिया के फाउंडर और सीईओ जेंसन हुआंग दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 15वें नंबर पर पहुंच गए हैं. उनकी नेटवर्थ में इस साल 56.8 अरब डॉलर की तेजी आई है और यह 101 अरब डॉलर पहुंच गई है.
 


क्या गर्मी के मौसम में आपको कूल रखने वालीं कंपनियों के Stocks में भी आई है गर्मी?

गर्मी के मौसम में खुद को ठंडा रखने के लिए लोग AC और कूलर जमकर खरीद रहे हैं. साथ ही कोल्ड ड्रिंक्स की डिमांड भी काफी बढ़ी है.

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Thursday, 30 May, 2024
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इस वक्त सूरज आग उगल रहा है. घर से बाहर निकलना किसी सजा से कम नहीं है. घर में भी राहत तभी है जब AC या कूलर चल रहे हों. इस बार गर्मी सभी रिकॉर्ड तोड़ने पर अमादा है. दिल्ली के एक इलाके में पारा 50 डिग्री का आंकड़ा पार कर गया है. मानसून ने भले ही केरल में दस्तक दे दी हो, लेकिन इसे देश के बाकी हिस्सों तक पहुंचने में अभी समय है. इसका मतलब साफ है कि सूरज का सितम अभी सहना पड़ेगा. वैसे, आप और हम को सताने वाले गर्मी कुछ कंपनियों के सुकून की वजह बनी हुई है. 

इन प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ी 
एयर कंडीशनर (AC), कूलर से लेकर आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली कंपनियों के लिए आसमान से बरसती आग कमाई का बेहतरीन अवसर है. ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक AC-कूलर की ज़बरदस्त बिक्री हो रही है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि Amazon पर पिछले साल के मुकाबले AC और कूलर की सेल दोगुनी हो गई है. वहीं, गर्मी में गले को तर रखने वाली कोल्ड ड्रिंक का कारोबार भी फुल स्पीड से भाग रहा है. इसी तरह, आइसक्रीम बनाने वाली कंपनियां भी चांदी काट रही हैं. 

AC की रिकॉर्डतोड़ बिक्री 
गर्मी के मौसम में भारी डिमांड के चलते AC के दाम भी बढ़ गए हैं, इसके बावजूद उसकी जमकर बिक्री हो रही है. चलिए यह जानने का प्रयास करते हैं कि क्या बिक्री के बढ़ते आंकड़े से स्टॉक मार्केट में लिस्टेड AC कंपनियों के शेयरों में भी पारे जितना उछाल आया है या नहीं. देश में कई देशी-विदेशी कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स बेचती हैं, लेकिन सभी लिस्टेड नहीं हैं. टाटा समूह की Voltas, Godrej, Blue Star, Johnson Controls-Hitachi Air Conditioning India और Whirlpool बाजार में सूचीबद्ध हैं. गर्मी ने पिछले एक महीने से ज्यादा कहर बरपाया है, इसलिए इन कंपनियों के बीते एक महीने के रिकॉर्ड पर नजर डालते हैं. 

शेयर बाजार में ऐसा है हाल
Godrej Industries के शेयर बीते एक महीने में 15.15% लुढ़क चुके हैं. आज यानी 30 मई को भी यह गिरावट के साथ 815.05 रुपए पर कारोबार कर रहे हैं. इस साल अब तक इसने 4.51% का रिटर्न दिया है, जो काफी कम है. AC के बाजार पर अच्छी पकड़ रखने वाले Voltas के लिए भी पिछला एक महीना अच्छा नहीं रहा है. इस दौरान, कंपनी के स्टॉक 8 प्रतिशत से ज्यादा लुढ़क चुके हैं. हालांकि, इस साल अब तक इसने 38.49% का रिटर्न भी दिया है. इसी तरह, ब्लू स्टार पिछले एक महीने में 1.48% नीचे आया है और इस साल अब तक इसने 57.01% का अच्छा रिटर्न दिया है. Hitachi के AC की बढ़ती बिक्री से उसके शेयर भी चढ़े हैं. Johnson Controls-Hitachi Air Conditioning India के स्टॉक ने पिछले एक महीने में 36.27% की छलांग लगाई है. 1,724.60 के भाव पर मिल रहे इस शेयर का 2024 में अब तक अक रिकॉर्ड भी अच्छा है. Whirlpool की बात करें, तो बीते एक महीने में यह शेयर 2.20% लुढ़का है.

कूल वाली फीलिंग नहीं मिली 
इसके अलावा, गर्मी के मौसम में Ice Cream, Soda, Soft Drinks और कुछ डेयरी उत्पादों की डिमांड में भी इजाफा हुआ है. हिंदुस्तान यूनिलीवर Kwality Wall's के नाम से आइसक्रीम बेचती है. Varun Beverages भारत में Pepsi के उत्पाद बेचती है. Hindustan Unilever के शेयर पिछले एक महीने में 5.63% चढ़े हैं. हालांकि, आज यह गिरावट के साथ 2,356 रुपए पर कारोबार कर रहे हैं. Varun Beverages के शेयर बीते 30 कारोबारी सत्रों में लाल निशान पर बंद हुए हैं, लेकिन आज उसमें हरियाली छाई है. 1,453.40 रुपए के भाव पर मिल रहा ये शेयर करीब 2 प्रतिशत की मजबूती हासिल आकर चुका है. Vadilal Industries की बात करें, तो प्रचंड गर्मी वाले कुछ दिन कंपनी के शेयरों में जोश नहीं ला पाए हैं. बीते एक महीने में यह स्टॉक 5.63% गिरा है और आज भी इसमें गिरावट है. कुल मिलाकर देखा जाए तो गर्मी में आपको कूल रखने वाली इन कंपनियों के निवेशकों को कूल वाली फीलिंग नहीं मिल पाई है.   
 


वर्ल्ड ब्रूविंग अलायंस के चार्ट पर आई हमारी बीयर इंडस्ट्री, इस तरह मिलेगा फायदा

भारत में बीयर की खपत लगातार बढ़ती जा रही है. इस गर्मी के मौसम में बीयर की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री की संभावना है.

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Thursday, 30 May, 2024
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भारत की बीयर इंडस्ट्री (Indian Beer Industry) तेजी से बड़ी होती जा रही है. हालांकि, पश्चिमी दूसरे देशों के मुकाबले हमारे यहां इसकी खपत कम है, लेकिन बीयर के कद्रदानों की संख्या में बीते कुछ समय में इजाफा हुआ है. देशी के साथ-साथ कई विदेशी कंपनियां भी भारत में बीयर बेच रही हैं. गर्मी को देखते हुए इस साल इसकी बिक्री में रिकॉर्ड बिक्री का अनुमान लगाया गया है. इस बीच, बीयर इंडस्ट्री के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. वर्ल्ड ब्रूविंग अलायंस (World Brewing Alliance) के चार्ट पर भारत की बियर इंडस्ट्री भी आ गई है. 

दुनिया की सबसे बड़ी संस्था 
वर्ल्ड ब्रूविंग अलायंस बीयर इंडस्ट्री की विश्व में सबसे बड़ी संस्था है, जो दुनिया के 70% बीयर उत्पादन का प्रतिनिधित्व करती है. यह संस्था बीयर को प्रमोट करती है और बताती है कि ये दूसरे अल्कोहल से क्यों बेहतर है. अब भारत की बीयर इंडस्ट्री भी इसका हिस्सा हो गई है. वर्ल्ड ब्रूविंग अलायंस के भारतीय चैप्टर ब्रूवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Brewers Association of India) की शुरुआत हो गई है. देश में बीयर बनाने वाली कुछ बड़ी कंपनियों ने मिलकर इसकी शुरुआत की है. 

भारत में है इनका जलवा
वर्ल्ड ब्रूविंग अलायंस वैश्विक मंच पर बीयर का प्रतिनिधित्व करता है. इसका हिस्सा बनने का मतलब है कि भारतीय बीयर इंडस्ट्री तेजी से विकास कर सकेगी. इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर भी हमारी इस इंडस्ट्री की पहचान मजबूत होगी. देश में यूनाइटेड ब्रूवरीज (United Breweries), एबी-इनबेव (AB-InBev) और कार्ल्सबर्ग (Carlsberg) बीयर बनाने वालीं प्रमुख कंपनियां हैं. यूनाइटेड ब्रूवरीज का लीडिंग बीयर ब्रैंड किंगफिशर (Kingfisher) है. कुछ साल पहले तक कारोबारी विजय माल्या इस कंपनी का मालिक हुआ करता था. उसके देश छोड़कर भाग जाने के बाद हेनिकेन (Heineken) ने इसे खरीद लिया. AB-InBev के सबसे ज्यादा चलने वाले बीयर ब्रैंड में Budweiser, Corona और Haywards हैं. जबकि कार्ल्सबर्ग की Tuborg बीयर काफी फेमस है. इन दिग्गज कंपनियों ने मिलकर ब्रूवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) की शुरुआत की है.  

3 कंपनियों की 85% हिस्सेदारी
यूनाइटेड ब्रूवरीज, एबी-इनबेव और कार्ल्सबर्ग की भारत के बीयर बाजार में करीब 85% हिस्सेदारी है. बूवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) की तरफ से बताया गया है कि BAI की स्थापना वर्ल्ड ब्रूइंग अलायंस (WBA) के साथ साझेदारी में की जा गई है. WBA ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, UK, US, यूरोप, जापान, कोरिया, लैटिन अमेरिका, ब्राजील, न्यूजीलैंड और नाइजीरिया के ब्रूवर्स और ट्रेड एसोसिएशनों से मिलकर बनी संस्था है. वहीं, BAI की लॉन्च के मौके WBA के अध्यक्ष और सीईओ जस्टिन किसिंजर ने कहा कि ब्रूवर्स ऑफ इंडिया भारत की बीयर इंडस्ट्री में उत्कृष्टता और नवाचार के एक नए युग की शुरुआत करेगा.

बढ़ रही है बीयर की खपत
भारत में बीयर इंडस्ट्री लगातार तेजी से आगे बढ़ रही है. पिछले साल देश भर में 31 मिलियन हैक्टोलीटर बीयर की खपत हुई. इससे पहले, 2022 में 29.2 मिलियन हैक्टोलीटर बीयर की खपत हुई थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीयर पीने वालों की संख्या बढ़ रही है. ये आंकड़े विदेशी कंपनियों को भी आकर्षित कर रहे हैं, इसलिए वे भारत का रुख कर रही हैं. आने वाले समय बीयर बाजार के और तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. बीयर की खपत बढ़ने से कंपनियों को होने वाले फायदे के साथ ही सरकार का रिवेन्यु बढ़ेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. Carlsberg, United Breweries और AB-InBev India भारत में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 7000 से अधिक लोगों को रोजगार दे रही हैं.


क्या आपको मिला @Paytm UPI हैंडल बदलने का मैसेज? जानें नई UPI ID ऐक्टिवेट करने का तरीका

RBI के निर्देशानुसार पेटीएम यूजरों को नए UPI हैंडल पर माइग्रेट करना होगा. यूजर SBI, HDFC, Axis और YES बैंक जैसे पार्टनर बैंकों के माध्यम से पेटीएम ऐप पर नए UPI ID ऐक्टिवेट कर सकते हैं. 

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Thursday, 30 May, 2024
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अगर आप भी UPI पेमेंट, मोबाइल व डीटीएच रिचार्ज आदि के लिए पेटीएम का इस्तेमाल करते हैं, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, भारतीय र‍िजर्व बैंक (RBI) के न‍िर्देशानुसार  पेटीएम यूपीआई का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को अब अपना @Paytm यूपीआई हैंडल बदलना होगा. इसके लिए @Paytm UPI हैंडल का इस्‍तेमाल करके निर्बाध डिजिटल भुगतान के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की जरूरत हैपेटीएम (Paytm) ने अपने यूजर्स को @paytm UPI हैंडल बदलने के लिए अलर्ट मैसेज भेजना भी शुरू कर दिया है. ऐसे में अगर आपको भी ऐसा ही कोई मैसेज आया है, तो जान लें, आप कैसे नई UPI एक्टिवेट कर सकते हैं?

इन पार्टनर बैंकों के साथ जारी होंगी UPI सेवाएं
मार्च में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस (OCL) को थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन प्रदाता (TPAP) के रूप में अपने UPI पेमेंट को अन्य बैंकों में ट्रांसफर करने के लिए अधिकृत किया है. इसका मतलब है कि पेटीएम अब पार्टनर बैंकों के जरिये ही UPI सेवाएं प्रदान कर सकता है. NPCI की स्वीकृति के बाद पेटीएम ने एक्सिस बैंक (Axis Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और यस बैंक (YES Bank) के साथ इंटीग्रेशन किया है. इस तरह @Paytm के साथ मौजूदा UPI हैंडल नए हैंडल में बदल जाएंगे. इन नए हैंडल में SBI UPI हैंडल, @ptsbi, HDFC बैंक UPI हैंडल, @pthdfc, एक्सिस बैंक UPI हैंडल, @ptaxis और यस बैंक UPI हैंडल, @ptyes शामिल हैं.

.यूजर्स को मिलने लगे अलर्ट मेसेज
कंपनी ने @Paytm UPI हैंडल यूजर्स को इन नए बैंकों में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि निर्बाध UPI भुगतान सुनिश्चित किया जा सके. ये चारों बैंक TPAP पर परिचालन कर रहे हैं. इससे यूजर खातों को इन PSP बैंकों में ट्रांसफर करना आसान हो गया है. कुछ यूजरों को उनके ऐप पर ‘इम्पॉर्टेंट UPI अलर्ट’ मिलने शुरू हो गए हैं. इसमें उन्हें इन चार बैंकों में से किसी एक के UPI हैंडल पर शिफ्ट होने के लिए कहा जा रहा है.

ऐसे कर सकते हैं एक्टिवेट
पेटीएम ऐप पर नए यूपीआई हैंडल पर स्विच करने के लिए बस यूपीआई अपडेट पर क्लिक करके नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करें.
1.सबसे पहले पेटीएम UPI मोबाइल पेमेंट एप्लिकेशन डाउनलोड करें.
2. अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें. डुअल सिम वाले फोन के लिए अपने मोबाइल नंबर के साथ सिम स्लॉट चुनें.
3.  अपने नंबर से एक एसएमएस भेजकर अपना मोबाइल नंबर वेरिफाई करें.
4. लिस्ट से अपना बैंक चुनें और सुनिश्चित करें कि यह आपके बैंक के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से मैच करता हो. इसमें आपसे आपके खाते का विवरण प्राप्त किया जाएगा.
5. अगर आप पहली बार अपने बैंक को लिंक कर रहे हैं, तो UPI पिन सेट करें. इसके लिए आपको अपने डेबिट कार्ड के विवरण की जरूरत होगी.
6. इस प्रक्रिया के बाद आपका बैंक खाता UPI के जरिये लिंक हो जाएगा और आप अपना पहला भुगतान करने के लिए तैयार हो जाएंगे.

डिफॉल्ट बैंक अकाउंट बदलने के लिए ये करें
1. 'प्रोफाइल मेन्यू' में 'UPI और पेमेंट सेटिंग' पर टैप करें.
2. उस बैंक अकाउंट पर टैप करें, जिसे आप डिफॉल्‍ट के तौर पर सेट करना चाहते हैं.
3. 'डिफॉल्ट के तौर पर सेट करें' पर टैप करें और 'हां' पर टैप करके पुष्टि करें.
 


Awfis Space Solutions शेयरों की शानदार लिस्टिंग, 13% प्रीमियम पर लिस्ट हुआ स्टॉक

ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस के IPO को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था. IPO के तहत नए शेयर जारी हुए हैं और ऑफर फॉर सेल के तहत भी शेयरों की बिक्री हुई है.

Last Modified:
Thursday, 30 May, 2024
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ऑफिस स्‍पेस सॉल्यूशन (Awfis Space Solutions) के शेयर आज स्टॉक मार्केट में मजबूत डेब्यू किया है. बाजार में भारी गिरावट के बाद भी स्टॉक की पॉजिटिव लिस्टिंग हुई. IPO के तहत अपर प्राइस बैंड 386 रुपये के मुकाबले स्टॉक BSE पर 432 रुपये पर लिस्ट हुआ. यानी डेब्यू पर इसने प्रति शेयर 49 रुपये या करीब 13 फीसदी रिटर्न दिया है. ऑफिस स्‍पेस सॉल्यूशन के आईपीओ को निवेशकों की ओर से हाई सब्सक्रिप्शन मिला था, वहीं ग्रे मार्केट में भी इसे लेकर ठीक ठाक हलचल बनी हुई थी. 

हर लॉट पर हुई इतनी कमाई

लिस्टिंग के बाद Awfis Space Solutions का एक शेयर 435 रुपये का हो गया है. इसका मतलब हुआ कि IPO के हर लॉट की वैल्यू अब 16,965 रुपये हो गई है. यानी IPO के निवेशकों को एक सप्ताह में 2,028 रुपये का शुद्ध फायदा हो चुका है. ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस के आईपीओ का टोटल साइज 598.93 करोड़ रुपये था. आईपीओ में शेयरों का फ्रेश इश्यू और ऑफर फोर सेल दोनों शामिल थे. लगभग 600 करोड़ रुपये के इस आईपीओ में 128 करोड़ रुपये के शेयरों का फ्रेश इश्यू था, जबकि 470.93 करोड़ रुपये का हिस्सा ऑफर फोर सेल का था.

फुल एक्शन में RBI, 2 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, एक बैंक पर ठोका जुर्माना

हर कैटेगरी में जबरदस्त रिस्पॉन्स

Awfis Space Solutions का 598.93 करोड़ रुपये का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 22-27 मई तक खुला था. इस IPO को शेयर बाजार में शानदार रिस्पॉन्स मिला था. आईपीओ को सभी कैटेगरी के निवेशकों ने हाथों-हाथ लिया था. सबसे ज्यादा 129.27 गुना सब्सक्रिप्शन नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स  (NII) कैटेगरी में आया था, जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) सेगमेंट में आईपीओ को 116.95 गुना सब्सक्राइब किया गया था. रिटेल निवेशकों ने आईपीओ को 53.23 गुना सब्सक्राइब किया था, जबकि कर्मचारियों के लिए रिजर्व रखे गए हिस्से को 24.68 गुना सब्सक्राइब किया गया था. इस तरह उसे ओवरऑल 108.17 गुना सब्सक्राइब किया गया था.

IPO से मिलने वाले फंड का कहा होगा इस्तेमाल 

ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस इस इश्यू के जरिए प्राप्त होने वाले फंड में से 42.03 करोड़ रुपए का इस्तेमाल कंपनी नए सेंटर्स बनाने के लिए करेगी. जबकि 54.37 करोड़ रुपए का उपयोग वर्किंग कैपिटल रिक्वॉयरमेंट्स को पूरा करने के लिए किया जाएगा. इसके अलावा बचे शेष फंड के जरिए कंपनी अपने कॉर्पोरेट उद्देश्यों को पूरा करेगी.
 


फुल एक्शन में RBI, 2 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, एक बैंक पर ठोका जुर्माना

आरबीआई ने ईसीएल फाइनेंस और एडलवाइज एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया है. वहीं HSBC के खिलाफ नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की है.

Last Modified:
Thursday, 30 May, 2024
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2 कंपनियों और एक बैंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. एडलवाइज ग्रुप (Edelweiss Group) की दो कंपनियों ईसीएल फाइनेंस (ECL Finance) और एडलवाइज एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (Edelweiss Asset Reconstruction Company) के कामकाज पर प्रतिबंध लगाया गया है. RBI ने बताया कि इन दोनों कंपनियों के कामकाज के तौर तरीकों में गड़बड़ी पाई गई है. ऐसे में इन पर कार्रवाई की गई है. वहीं एचएसबीसी बैंक (HSBC Bank) पर 36.38 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जिस पर FEMA के उल्लंघन के तहत कार्रवाई की है.

तत्काल प्रभाव से लागू हुआ RBI का आदेश 

RBI ने एडलवाइज ग्रुप को निर्देश दिया है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए. निर्देश के मुताबिक, ECL फाइनेंस के होलसेल ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी गई है. कंपनी सिर्फ रीपेमेंट और अकाउंट क्लोजर ही कर सकेगी. केंद्रीय बैंक ने बताया कि एडलवाइज ग्रुप की इन कंपनियों के खिलाफ जांच में कई गड़बड़ियां पाईं गईं. दोनों कंपनियों ने सिक्योरिटी रेसिप्टस का गलत वैल्यूएशन किया था. उन पर डेट बुक का गलत विवरण पेश करना, शेयरों के बदले कर्ज देने के लिए मानदंडों का पालन न करना, सेंट्रल रिपोजिटरी को गलत जानकारी देना और नो योर कस्टमर (KYC Rules) गाइडलाइन्स का सही से पालन न करने का आरोप है. 

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी से 14 साल बाद Bharat को मिली इस खुशी के क्या हैं मायने?

उल्लंघन के नए रास्ते तलाश रही थीं कंपनियां 

RBI ने कहा कि कमियों को सुधारने के लिए निर्देश देने के बावजूद ये दोनों कंपनियां नियमों के उल्लंघन के नए रास्ते तलाश रही थीं. पिछले कुछ महीनों में हमने इन कंपनियों के सीनियर मैनेजमेंट और ऑडिटरों से कई बार चर्चा की लेकिन, इन समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकाला जा सका. इसलिए हमें इन कंपनियों के बिजनेस पर रोक लगानी पड़ी. आरबीआई ने कहा कि इनके कारोबार पर लगाए गए प्रतिबंध का रिव्यू बाद में किया जाएगा.

HSBC पर लगाया 36.38 लाख का जुर्माना

र‍िजर्व बैंक ऑफ‍ इंड‍िया (RBI) बैंक‍िंग न‍ियमों का पालन नहीं करने पर बैंकों के ख‍िलाफ समय-समय पर सख्‍ती करता रहता है. न‍ियमों का पालन नहीं करने पर आरबीआई ने प‍िछले दो द‍िन में ही न बड़े बैकों पर पेनाल्‍टी लगाई है. अब आरबीआई (RBI) ने एचएसबीसी बैंक (HSBC Bank) पर 36.38 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. एचएसबीसी पर यह जुर्माना विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उदारीकृत रेमिटेंस स्कीम के तहत जरूरी सूचनाएं देने के न‍ियमों का पालन नहीं करने पर लगाया गया है.

नियमों का पालन नहीं करने पर की गई कार्रवाई

आरबीआई (RBI) की तरफ से बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इसके जवाब में बैंक ने लिखित जवाब देने के साथ ही मौखिक रूप से भी अपनी बात रखी. केंद्रीय बैंक की तरफ से मामले को जानने और बैंक की तरफ से द‍िये गए जवाब पर व‍िचार करने के बाद आरबीआई (RBI) इस निष्कर्ष पर पहुंचा क‍ि न‍ियमों का उल्लंघन सही साबित हुआ और जुर्माना लगाना जरूरी था. आरबीआई (RBI) ने यह भी बताया कि पेनाल्‍टी लगाने की कार्रवाई नियमों का पालन नहीं करने के कारण की गई है.
 


ग्लोबल रेटिंग एजेंसी से 14 साल बाद Bharat को मिली इस खुशी के क्या हैं मायने?

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने भारत के सॉवरेन रेटिंग आउटलुक को ‘स्थिर’ से बढ़ाकर ‘सकारात्मक’ कर दिया है.

Last Modified:
Thursday, 30 May, 2024
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आर्थिक रूप से मजबूत होते भारत के लिए एक अच्छी खबर आई है. अमेरिकी एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने 14 साल बाद भारत की साख में इजाफा किया है. एसएंडपी के इस फैसले का मतलब है कि वैश्विक स्तर पर भारत की आर्थिक छवि में निखार आएगा और उसकी लोन लेने की कैपेसिटी में भी इजाफा होगा. पिछले पांच सालों में सार्वजनिक खर्च की बेहतर गुणवत्ता तथा सुधारों और राजकोषीय नीतियों में व्यापक निरंतरता की उम्मीद के बीच 14 साल के अंतराल के बाद S&P ने भारत की रेटिंग में बदलाव किया है. 

आउटलुक स्टेबल से पॉजिटिव
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने भारत के सॉवरेन रेटिंग आउटलुक को ‘स्थिर’ से बढ़ाकर ‘सकारात्मक’ कर दिया है. हालांकि, एसएंडपी ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को लोएस्ट इन्‍वेस्‍टमेंट ग्रेड BBB- पर बरकरार रखा है. BBB- सबसे निचली इन्वेस्टमेंट कैटेगरी रेटिंग है. अमेरिकी एजेंसी ने पिछली बार 2010 में रेटिंग आउटलुक को ‘नेगेटिव’ से बढ़ाकर ‘स्टेबल’ किया था. S&P ने कहा कि यदि भारत सतर्क राजकोषीय और मौद्रिक नीति अपनाता है, तो सरकार के बढ़े हुए कर्ज तथा ब्याज के बोझ में कमी आएगी. इससे आर्थिक मोर्चे पर जुझारूपन बढ़ेगा. अगर ऐसा होता है, तो वह अगले 24 महीने में भारत की साख को और बढ़ा सकती है. बता दें कि एसएंडपी की रेटिंग भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा सरकार को 2.10 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड डिविडेंड ट्रांसफर करने के एक सप्ताह के भीतर आई है. इस रकम का इस्तेमाल सरकार के राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए किया जा सकता है.

क्या होती है सॉवरेन रेटिंग?
एसएंडपी ने आगे कहा कि मजबूत बढ़ोतरी और सरकारी खर्च की बढ़ती गुणवत्ता के दम पर भारत का आउटलुक संशोधित कर ‘पॉजिटिव’ किया गया है.  गौरतलब है कि सॉवरेन रेटिंग किसी देश के इन्वेस्टमेंट आउटलुक के जोखिम स्तर को मापने का एक साधन है. साथ ही यह निवेशकों को देश की कर्ज चुकाने की क्षमता से अवगत कराती है. निवेशक इस रेटिंग को देश की साख के मापदंड के तौर पर देखते हैं और इसका उधार लेने की लागत पर असर पड़ता है. अमेरिकी एजेंसी ने कहा कि भारत के प्रति हमारा सकारात्मक परिदृश्य इसकी मजबूत आर्थिक बढ़ोतरी, सरकारी व्यय की गुणवत्ता में स्पष्ट सुधार और राजकोषीय समावेशन के प्रति राजनीतिक प्रतिबद्धता पर आधारित है.  

तेज गति से दौड़ी GDP  
ग्लोबल एजेंसी का अनुमान है कि पिछले 3 सालों में रियल जीडीपी की ग्रोथ रेट औसतन 8.1% सालाना रही है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक है. एसएंडपी ने कहा कि यदि भारत का राजकोषीय घाटा कम होता है और परिणामस्वरूप सामान्य सरकारी लोन संरचनात्मक आधार पर सकल घरेलू उत्पाद के सात प्रतिशत से नीचे आ जाता है, तो वह रेटिंग बढ़ा सकती है. एजेंसी ने कहा कि भारत में पिछले चार से पांच सालों में सरकारी खर्च की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. सार्वजनिक निवेश तथा उपभोक्ता गति अगले तीन से चार साल में ठोस वृद्धि संभावनाओं को आधार प्रदान करेगी.


बाजार लाल रंग की गिरफ्त से निकले न निकले, आज इन शेयरों में जरूर आ सकती है हरियाली!

शेयर बाजार में जारी गिरावट के बीच आज कुछ शेयरों में तेजी के संकेत मिले हैं. लिहाजा, इन पर नजर बनाए रखें.

Last Modified:
Thursday, 30 May, 2024
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लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आना है. इससे पहले शेयर बाजार लाल रंग में रंग हुआ है. बुधवार को लगातार चौथे सत्र में बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ. दरअसल, निवेशक इस समय मार्केट में पैसा लगाने के बजाये मुनाफावसूली पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. इस वजह से बाजार लुढ़क रहा है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कल 667.55 अंक गिरकर 75,000 पर पहुंच गया. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 183.45 अंकों की नरमी के साथ 22,704.70 पर बंद हुआ. 

इनके चढ़ सकते हैं भाव 
सबसे पहले जानते हैं कि MACD ने आज के लिए क्या संकेत दिए हैं. मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) की मानें, तो Godrej Consumer Products, Coromandel International, Jyoti CNC Automation और Voltas के शेयरों में आज उछाल आ सकता है. कहने का मतलब है कि इन शेयरों के भाव में तेजी आने की संभावना है. जाहिर है ऐसे में इन पर दांव लगाने वालों के लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश भी बनी रहेगी. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श ज़रूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

इनमें आ सकती है नरमी
इसी तरह MACD Hitachi Energy India, Honeywell Automation, Kirloskar Industries, Shakti Pumps, Info Edge और Escorts Kubota में मंदी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. लिहाजा, इनमें निवेश को लेकर सावधान रहें. इनके अलावा, स्पाइसजेट के शेयरों में भी आज नरमी देखने को मिल सकती है. दरअसल, कर्ज संकट में फंसी स्पाइसजेट के खिलाफ विमानों का इंजन मुहैया कराने वाली कंपनी इंजन लीज फाइनेंस (ईएलएफ) ने करीब 100 करोड़ रुपए की देनदारी के मामले में दिवाला अर्जी दाखिल की है. ELF ने स्पाइसजेट को 8 विमान इंजन पट्टे पर दिए हुए हैं. कंपनी ने दावा किया है कि स्पाइसजेट पर किराए और ब्याज सहित करीब 1.6 करोड़ डॉलर की देनदारी बनती है.

इनमें मजबूत खरीदारी
अब उन शेयरों के बारे में भी जानते हैं जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में Aditya Birla, Mazagon Dock, Titagarh Wagons, Sumitomo Chemical, Grindwell Norton, EID Parry, Retail और Saregama India का नाम शामिल है. इन शेयर ने अपना 52 वीक का हाई लेवल पार कर लिया है. लिहाजा, आज इन शेयरों पर भी नजर बनाए रखें. वहीं, KRBL और Anupam Rasayan के शेयरों में बिकवाली का दबाव नजर आ रहा है.